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राज्यसभा टीवी, 04 मार्च 2013
महाराष्ट्र में सूखे की वजह से एक ऐसा हाहाकार मचा हुआ है जो सुनाई नहीं दिखाई दे रहा है। खेत रेगिस्तान में बदल रहे हैं और लोग पानी की एक-एक बूंद को तरस रहे हैं। महाराष्ट्र इन दिनों महासूखे की चपेट में है। सूखे का हाल ये है कि राज्य के 34 ज़िलों में क्या इंसान और क्या जानवर, सभी पानी से लेकर भोजन तक को तरस रहे हैं। सूखे का आलम ऐसा है कि खेतों में दरारें पड़ गई हैं, फसलों के निशान मिट गए हैं और कुओं से पानी सूख गया है। कुदरत की मेहरबानी पर जीने वाला किसान सूखे की सबसे बड़ी मार झेल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि महाराष्ट्र में पड़ रहे सूखे ने पिछले 40 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 1972 के बाद महाराष्ट्र के कई इलाके सबसे बड़े सूखे का सामना कर रहे हैं। एक जानकारी के अनुसार मराठवाड़ा ज़ोन के जलाशयों में में 13 प्रतिशत पानी ही बचा है। महाराष्ट्र में सिंचाई के लिए पानी न मिलने की वजह से किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं।