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दैनिक भास्कर, 08 जनवरी 2014
1. ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मनरेगा से जोडऩे को दी मंजूरी
2. दुनिया के 60 प्रतिशत खुले में शौच करने वाले लोग भारत में ही रहते हैं
देश की करोड़ों की आबादी को खुले में शौच करने से रोकने के लिए अब महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार योजना (मनरेगा) की मदद ली जाएगी। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने हर घर में शौचालय बनाने के काम को सीधे मनरेगा से जोड़ने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और आला अधिकारियों को इस योजना को तुरंत लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मनरेगा एक्ट के तहत एक अधिसूचना जारी की गई है। राज्यों को निर्देश दिया गया था कि घरों, स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में बनाए जाने वाले शौचालयों को तत्काल प्रभाव से मनरेगा कार्यों की सूची में शामिल किया जाए। इस बाबत 6 जनवरी को संयुक्त सचिव आर. सुब्रमण्यम की ओर से जारी सर्कुलर में राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया गया है कि देश को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए बिना देरी के काम शुरू कर दिया जाए।
मामले से जुड़े एक अन्य अधिकारी का कहना है कि घरों में शौचालय बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से दस हजार रुपए खर्च करने का फैसला किया गया है। इसके अलावा शौचालय बनाने में आने वाला अन्य खर्च लाभार्थी खुद व्यक्तिगत रूप से वहन करना होगा। हर एक पंचायत में मौजूद स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों समेत घरों में बनने वाले शौचालयों के लिए प्रस्ताव और कार्यान्वयन का काम स्थानीय पंचायत करेगी।
उल्लेखनीय है कि दुनिया के 60 प्रतिशत खुले में शौच करने वाले लोग भारत में ही बसते हैं। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की ताजा 'मिलेनियम डेवलेपमेंट गोल (एमडीजी)-2012 रिपोर्ट' में खुलासा किया है कि आर्थिक क्षेत्र में ज़बरदस्त तेजी के बावजूद भारत के कुल 62.60 करोड़ लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं। जबकि इसके ठीक उलट गरीब समझे जाने वाले अफ्रीकी देशों तक में शौचालय का इस्तेमाल करने वाले लोगों की तादाद बढ़ी है।
2. दुनिया के 60 प्रतिशत खुले में शौच करने वाले लोग भारत में ही रहते हैं
देश की करोड़ों की आबादी को खुले में शौच करने से रोकने के लिए अब महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार योजना (मनरेगा) की मदद ली जाएगी। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने हर घर में शौचालय बनाने के काम को सीधे मनरेगा से जोड़ने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और आला अधिकारियों को इस योजना को तुरंत लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मनरेगा एक्ट के तहत एक अधिसूचना जारी की गई है। राज्यों को निर्देश दिया गया था कि घरों, स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में बनाए जाने वाले शौचालयों को तत्काल प्रभाव से मनरेगा कार्यों की सूची में शामिल किया जाए। इस बाबत 6 जनवरी को संयुक्त सचिव आर. सुब्रमण्यम की ओर से जारी सर्कुलर में राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया गया है कि देश को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए बिना देरी के काम शुरू कर दिया जाए।
दस हजार रुपए का खर्च केंद्र वहन करेगा
मामले से जुड़े एक अन्य अधिकारी का कहना है कि घरों में शौचालय बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से दस हजार रुपए खर्च करने का फैसला किया गया है। इसके अलावा शौचालय बनाने में आने वाला अन्य खर्च लाभार्थी खुद व्यक्तिगत रूप से वहन करना होगा। हर एक पंचायत में मौजूद स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों समेत घरों में बनने वाले शौचालयों के लिए प्रस्ताव और कार्यान्वयन का काम स्थानीय पंचायत करेगी।
उल्लेखनीय है कि दुनिया के 60 प्रतिशत खुले में शौच करने वाले लोग भारत में ही बसते हैं। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की ताजा 'मिलेनियम डेवलेपमेंट गोल (एमडीजी)-2012 रिपोर्ट' में खुलासा किया है कि आर्थिक क्षेत्र में ज़बरदस्त तेजी के बावजूद भारत के कुल 62.60 करोड़ लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं। जबकि इसके ठीक उलट गरीब समझे जाने वाले अफ्रीकी देशों तक में शौचालय का इस्तेमाल करने वाले लोगों की तादाद बढ़ी है।