मंगल सोम होय सिवराती

Submitted by Hindi on Fri, 03/26/2010 - 09:56
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घाघ और भड्डरी

मंगल सोम होय सिवराती। पछिवाँ बाय बहै दिन राती।।
घोड़ा रोड़ा टिड्डी उड़ै। राजा मरैं कि परती पड़ै।।


भावार्थ- यदि शिवरात्री सोम या मंगल को हो और रात दिन पछुवा हवा बहती रहे तो अनुमान लगा लेना चाहिए कि घोड़ा, रोड़ा (एक पतिंगा) और टिड्डी दल (एक प्रकार का कीड़ा) उड़ेगा तथा राजा की मृत्यु होगी या सूखा पड़ेगा और खेत परती रह जायेंगे।