ना अति बरखा ना अति धूप

Submitted by Hindi on Thu, 03/25/2010 - 10:23
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घाघ और भड्डरी

ना अति बरखा ना अति धूप।
ना अति बकता ना अति चूप।।


भावार्थ- अत्यधिक वर्षा अच्छी नहीं होती, बहुत अधिक धूप भी अच्छी नहीं होती, इसी प्रकारच अत्यधिक बोलना और अत्यन्त चुप रहना भी अच्छा नहीं होता।