न्यूगिनी

Submitted by Hindi on Mon, 12/27/2010 - 11:13
न्यूगिनी स्थिति : 4 डिग्री 0फ़ द. अ. तथा 136 डिग्री 0फ़ पू. दे.। दक्षिण-पश्चिमी-प्रशांत महासागर में स्थित आस्ट्रेलिया के उत्तर में यह संसार का दूसरा बड़ा द्वीप है। इस द्वीप का क्षेत्रफल 3,06,600 वर्ग मील है। यह आस्ट्रेलिया से आराफूरा सागर, टॉरेस जलडमरूमध्य और प्रवाल सागर द्वारा अलग है। उत्तर से दक्षिण-पूर्व तक इसकी लंबाई 1,500 मील तथा अधिकतम चौड़ाई 400 मील है। राजनीतिक दृष्टि से यह द्वीप इस समय दो भागों में विभक्त है (1) पैपुआ क्षेत्र एवं (2) डच न्यूगिनी।

1. पैपुआ क्षेत्र-न्यूगिनी के दक्षिण-पूर्वी भाग को पैपुआ कहते हैं। पैपुआ को ब्रिटिश गिनी भी कहते हैं। अब यह आस्ट्रेलिया के अधिकार में है। उष्ण, नम जलवायु क्षेत्र में स्थित इस प्रदेश की प्रमुख संपत्ति कठोर लकड़ी के वन हैं। इस प्रदेश की प्रमुख उपज नारियल, रबर, काफी आदि हैं। यहाँ काष्ठ एवं मत्स्य व्यवसाय प्रमुख हैं। सोना यहाँ अधिक मिलता है। प्राचीन काल में यहाँ ताँबा, चाँदी एवं जस्ता भी मिलता था। नौका बनाना, लकड़ी का सामान, इमारती सामान बनाना प्रमुख उद्योग है। इस प्रदेश की जनसंख्या में 84 प्रतिशत आदिवासी एवं शेष अन्य देशों के लोग हैं। यहाँ की जनसंख्या 5,13,648 (1961) थी। इसका क्षेत्रफल 90,540 वर्ग मील है। पोर्ट मोरज़्वि यहाँ की राजधानी है।

2. डच न्यूगिनी - पहले यह हॉलैंड के अधिकार में था किंतु अब यह हिंदेशिया के अंतर्गत है। इसका क्षेत्रफल सभी छोटे छोटे द्वीपों को मिलाकर 1,51,789 वर्ग मील है, तथा यहाँ लगभग सात लाख जनसंख्या (1954 अनुमानित) निवास करती है। हालैंडिया यहाँ की राजधानी है। यह भाग समस्त न्यूगिनी के आधे क्षेत्र में फैला है। उत्तर में यह मैदानी तथा दक्षिण में पहाड़ी है। किनारे पहाड़ी तथा कहीं कहीं दलदली हैं। यहाँ शकरकंद, गन्ना, पपीता, तंबाकू आसानी से उगा लिए जाते हैं। यहाँ के निवासी जंगली हैं। मेरौके नदी पर मेरौके नगर केवल कुछ अधिक उन्नति कर पाया है। यहाँ डच लोगों की बस्तियाँ हैं। फाकफाक भी डच लोगों की एक प्रसिद्ध बस्ती है। यहाँ अच्छी भूमि के कारण उन्नति की संभावनाएँ अधिक हैं। जापेन द्वीप से भी इसका व्यापार बढ़ रहा है।

इस द्वीप की आकृति असमान है तथा तट ऊँचे हैं। पश्चिमी भाग में एवं टॉरेस जलडमरूमध्य के समीप के तटवर्ती क्षेत्र दलदली एवं घनेजंगलों से ढके हुए हैं। आस्ट्रेलिया द्वारा अधिकृत भाग (पैपुआ) के दक्षिण-पूर्व में विस्तृत ओएन स्टैनलि पर्वतमाला है, जिसका उच्चतम शिखर 13,240फ़ है। दक्षिण-पश्चिम में बिज़्मार्क पर्वत है जिसकी सर्वोच्च चोटी माउंट विल्हेल्मिना (15,584फ़ ) है। डच न्यूगिनी में और भी ऊँचे पर्वत है। द्वीप के मध्य में हिम पर्वतों की तीन ऊँची चोटियाँ हैं- कार्सटेंज (16,400फ़ ), ईड्नबर्ग (15,748फ़ ) और विल्हेल्मिना (15,584फ़ ) हैं। इस द्वीप की मुख्य नदियाँ मांबा, दीगूल, सैपिक, मार्कैंम, पुरारी तथा फ्लाई हैं।

मुख्य आवासीय क्षेत्र में साल भर ताप 21 डिग्री सें. से 32 डिग्री सें. तक रहता है, तथा आर्द्रता का अंतर भी 70 से 90 प्रतिशत तक होता है। वर्षा का औसत पश्चिम में 100मि.मी. है। यहाँ के कुछ ही भागों में 60मि.मी. से कम वर्षा होती है।

कंगा डिग्री यहाँ का मुख्य पशु है। पालतू हरिण, कुत्ते, सुअर तथा एक विचित्र प्रकार की उड़न लोमड़ी (एक प्रकार का उड़नेवाला चमगादड़) यहाँ पाई जाती हैं। इसके पंख तीन फुट तक लंबे होते हैं। पक्षियों में पैराडाइज बर्ड मुख्य है।

आर्थिक महत्व के वृक्षों में सागूदाना, चंदन, नारियल, केला और बाँस है। न्यूगिनी का लगभग आधा भाग जंगलों से ढका हुआ है। जिसमें मुख्यत: पाटलकाष्ठ (रोज वुड), देवदार, अखरोट, सैटिन ऐश, मिल्क उड, लैमनउड, यूक्लिप्टस आदि के वृक्ष है। न्यूगिनी के निवासियों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। यहाँ तंबाकू, रबर, कहवा, धान, सिनकोना, जूट, चाय, सन, कोको, आदि मुख्य कृषि उपजें हैं।

न्यूगिनी के मोरोबे क्षेत्र में सोने के पर्याप्त निक्षेप है। सोने की खोज के ही साथ प्लैटिनम, आस्मिरिडियम, टिन, ताँबा, लोहा, मैगनीज आदि का पता लगाया गया है। डच न्यूगिनी में में सौरांग के आसपास तेल का भी पता चला है। अपने दैनिक उपयोग के लिए यहाँ के लोग मछलियाँ मारते हैं।

यहाँ उच्च माध्यमिक विद्यालयों के अतिरिक्त, तकनीकी तथा प्रशिक्षण विद्यालय भी हैं। उच्च अध्ययन के लिए आस्ट्रेलिया जाना पड़ता है।

इस द्वीप के मुख्य नगरों में टेलिफोन सेवा भी है। आंतरिक तथा तटीय भागों में समुद्री सेवाएँ हैं। पेपुआ क्षेत्र से आस्ट्रेलिया के लिए नियमित वायुसेवाएँ उपलब्ध हैं।

(राजेंद्रप्रसाद सिंह)