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अमर उजाला कॉम्पैक्ट, 2 नवम्बर 2010
प्राकृतिक संसाधनों के अत्याधिक दोहन का कुपरिणाम सामने आने लगा है। पैसेफिक (प्रशांत) कम्युनिटी की रिपोर्ट के मुताबिक 2035 तक इन इलाकों में मछली पालन उद्योग पूरी तरह खत्म हो जाएगा। मत्स्य उद्योग के लिए अधिक मछली पकड़ना, इंसानों की बढ़ती आबादी और जलवायु परिवर्तन खतरनाक साबित हो रहा है। पैसफिक द्वीप समूह में 22 देश आते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक इस क्षेत्रों में मछली उद्योग करीब दो बिलियन यूएस डॉलर का है। इंसानी लालचों के कारण इन इलाकों में ट्यूना नामक समुद्री मछलियों की आबादी तेजी से घटी है। इससे समुद्री प्रजातियों में असंतुलन पैदा होने का खतरा बढ़ गया है। पर्यावरणविद इस रिपोर्ट से बेहद ही चिंतित है। रिपोर्ट के मुताबिक यह गलत धारणा है कि ये संसाधन सदा मौजूद रहेंगे। एक न एक दिन प्राकृतिक संसाधनों का खत्म होना तय है। इसलिए मानव को सही तरीके से इन संसाधनों का उपभोग करना चाहिए।