पांवधोई से मिली सहारनपुर को नई पहचान

Submitted by Hindi on Mon, 09/20/2010 - 11:41
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अमर उजाला 20, सितंबर 2010
सहारनपुर। यह खबर ३५ लाख सहारनपुरियों का सीना गर्व से चौड़ा कर देगी। चार महीनों तक दिन रात चले पांवधोई बचाओ के अनूठे अभियान से सहारनपुर प्रदेश भर के लिए अनुकरणीय बन गया है। शासन तक ने माना है कि दम तोड़ती नदी को नया जीवन देकर सहारनपुर ने शानदार मिसाल कायम की है। नगर विकास के प्रमुख सचिव ने तो २४ जिलों के डीएम को लिख भी दिया है कि वे अपने अपने यहां मिशन पांवधोई जैसा अभियान शुरु कराएं।

पांवधोई को सहारनपुर की गंगा कहा जाता है। यह नदी जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर शकलापुरी में जमीन से ही जल स्रोत के रूप में निकल रही है। किवदंती है कि सदियों पहले बाबा लाल दास ने इसे अपने कठोर तप से प्रकट किया था। लेकिन इसमें कूड़ा, कचरा, नाले और सीवर गिरने से यह नाला बन गई थी।

चार महीने पहले नदी को पौराणिक रूप लौटाने की पहल डीएम आलोक कुमार ने की। इसके बाद तो पूरा शहर जुट गया था नदी की सफाई में। आंकड़ों से अंदाजा हो सकता है कि कितना काम हुआ। पांच हजार ट्रक कूड़ा कचरा निकाला गया। नदी के दोनों ओर आठ किलोमीटर का लोहे का जाल लगवाया गया। पुण्य काम से प्रेरित होकर ३०-४० लोगों ने अपने सीवर खुद ही नदी से बंद करके घर के बाहर टैंक बना लिए। नदी किनारे के लोग दिन रात निगरानी करने लगे हैं कि इसमें कूड़ा करकट ना गिर जाए। जिस तरह हरिद्वार में हर की पैड़ी पर रोजाना शाम को आरती होती है, वैसे ही पांवधोई किनारे भी होने लगी है। इस बार रामलीला की केवट लीला भी नदी के भीतर होगी। गंदगी के चलते यह ३० साल से नदी के बाहर हो रही थी। आईआईटी रूड़की लैब की रिपोर्ट में आया है कि शकलापुरी में पांवधोई का जल मिनीरल वाटर जैसा शुद्ध है। एकदम चमत्कार लगता है ये।

इसी से रीझकर प्रमुख सचिव आलोक रंजन ने २४ जनपदों के डीएम को निर्देश दिए हैं कि वे नदियों और झीलों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए पांवधोई जैसा अभियान चलाएं। उन्होंने लिखा है कि जिलाधिकारी सहारनपुर की पहल पर सहारनपुर नगर में पांवधोई नदी की सफाई हेतु चलाया गया अभियान एक सार्थक पहल है तथा अन्य जनपदों के लिए अनुकरणीय है।

इन जनपदों के लिए हैं निर्देश
मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, बिजनौर, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, आगरा, बरेली, वाराणसी, अलीगढ़, इटावा, कानपुर, इलाहबाद, मथुरा, सुल्तानपुर,फर्रूखाबाद, गोरखपुर, महोबा, झांसी, गाजीपुर, चन्दौली, जौनपुर, लखनऊ और मिर्जापुर।

अमर उजाला की भूमिका सराही
प्रमुख सचिव ने अपने फैक्स के साथ मिशन पांवधोई पर छपी अमर उजाला की खबर भी भेजी हैं। अभियान के पहले दिन से अभी तक की हर गतिविधि का साक्षी रहा है अमर उजाला। अमर उजाला ने नदी अवतरण के इतिहास, पौराणिक मान्यताओं और धार्मिक आस्थाओं से जुड़ी हर खबर प्रमुखता से प्रकाशित की।