पॉलिनीशिया

Submitted by Hindi on Mon, 12/27/2010 - 11:34
पॉलिनीशिया 1. स्थिति : 30 डिग्री उ.अ. से 47 डिग्री द.अ. तथा 170फ़ पू.दे.। यह जापान, फिलिपीन, हिंदेशिया और आस्ट्रेलिया के पूर्व स्थित प्रशांत महासागर के तीन द्वीपसमूहों में से सबसे पूर्वीय द्वीपसमूह है। इसमें कई द्वीप सम्मिलित हैं। भौगोलिक दृष्टि से इन सभी द्वीपों में कोई विभिन्नता नहीं है। इसके अंतर्गत भूमध्य रेखा के उत्तर में स्थित हवाई द्वीपसमूह, पैलमीरा, वाशिंगटन, फैनिंग, क्रिसमैस द्वीप तथा भूमध्य रेखा के दक्षिण स्थित जारविस, मॉल्डेन, स्टारबक, कैरोलिन, वोस्तोक, और फ्लिंट द्वीप एवं फीनिक्स, एलिस सेमोआ, टोंगा, कुक टोकेलोउ, द्वीपसमूह आते हैं। पॉलिनीशिया की उत्तरी और दक्षिणी सीमाएँ क्रमश: कर्क रेखा और मकर रेखा हैं। यह सभी द्वीप सबसे प्रमुख हैं तथा पॉलिनीशियाई लोगों का प्रमुख निवासस्थल हैं। इन द्वीपों के क्षेत्रफल का योग लगभग 10,000 वर्ग मील है।

पॉलिनीशिया का औसत ताप 24 डिग्री सें. से 28 डिग्री से. तक रहता है। वर्षा की मात्रा प्रत्येक द्वीप में भिन्न भिन्न है, किंतु अधिकांश ऊचे द्वीप जो व्यापारिक हवाओं के प्रभाव में आते हैं, अधिक वर्षा प्राप्त कर लेते हैं। कहीं कहीं एक ही द्वीप में विभिन्नता मिलती है, जैसे कोउआइ द्वीप का उत्तर-पश्चिमी भाग रेगिस्तानी है तथा मध्य का 3,000 फुट से 5,000 फुट तक का ऊँचा भाग दुनिया के अधिक वर्षावाले भागों में आता है। यहाँ की जलवायु नारियल की उपज में बड़ा योग देती है।

हवाई द्वीपसमूह को छोड़कर, जिसका उद्भव मुख्य रूप से ज्वालामुखी से संबंधित है और जो प्रवाल चट्टानों से घिरे हैं ये द्वीप प्राय: छोटे आकार के तथा प्रवाल चट्टानों से बने हैं। ज्वालामुखी द्वीपों में जंगल हैं। यहाँ की उपजों में नारियल, टारो, कंद, पुराका, गन्ना, केला, अनन्नास, संतरे तथा कहवा प्रमुख हैं। इन सभी फसलों का अधिक महत्व अधिक है।

पॉलिनीशिया में जानवरों की बहुत ही कम किस्में मिलती हैं। बाद में यहाँ पर सूअरों तथा चूहों को लाकर छोड़ दिया गया था, जो अब चारों ओर फैल गए हैं। चमगादड़ तथा समुद्री चिड़ियों के अतिरिक्त यहाँ तोता, कबूतर, उल्लू तथा मोर भी मिलते हैं। यहाँ पर आयात होनेवाली वस्तुओं में धातु के सामान, सूती कपड़े, पेट्रोल, चीनी, आटा आदि हैं तथा निर्यात होनेवाली वस्तुओं में फॉस्फेट्स तथा नारियल प्रसिद्ध हैं। टाहीटी से सप्ताह में एक बार पैरिस, हॉनलूलू तथा न्यूज़ीलैड को हवाई जहाज जाते हैं।

2. पॉलिनीशिया (फ्रेंच), यह पॉलिनीशिया का ही वह भाग है जो फ्रांस के अधिकार में है। इसका क्षेत्रफल 1,545 वर्ग मील है। यहाँ की राजधानी पापेटे है। इसमें ईल डू वान, ईल सू ल वान, टुआमीटूमैबियर द्वीपसमूह, मारकेसस द्वीपसमूह, टूबुआइ द्वीपसमूह आदि आते हैं। कृषि करना, मछली मारना, खानों एवं उद्योगों में काम करना यहाँ के लोगों का प्रमुख कार्य है। कुछ लोग व्यापार, यातायात में भी लगे है। यहाँ नारियल, कॉफी, बनिल्ला (एक प्रकार का फूलदार पौधा) एवं नीबू प्रजाति के फल अधिक उगते हैं। भेड़, बकरी, घोड़े, सूअर प्रमुख पशु हैं। यहाँ फॉस्फोरस मिलता है। कपड़ा, पेट्रोल, शक्कर एवं आटा का आयात होता है तथा फॉस्फोरस, नारियल, वनिल्ला तथा मदर ऑव पर्ल मुख्य निर्यात हैं। यहाँ भ्रमणार्थी अधिक आते हैं। इसे हवाई जहाज की सेवाएँ भी प्राप्त हैं।

(दी.ना.सिं.)
प्राचीन संस्कृति - पालिनीशिया अपनी आदिम संस्कृति तथा प्रागैतिहासिक पुराकथाओं की विचित्रताओं एवं प्रभावों के कारण पुरातन संस्कृति और आदिम जीवनपद्धति के अध्येताओं के लिए आकर्षण का विषय रहा है। फीजियाई और तथाकथित रेटियाई सभ्यताओं के मिश्रण से निर्मित परवर्ती पालिनीशियाई संस्कृति अपनी पाषाणकालीन परंपराओं के साथ विकसित हुई है। इसीलिए इसकी जटिलता और वैविध्यपूर्ण अस्पष्टता को भेदकर किसी एक मूल का अन्वेषण कर पाना कठिन है। यूरोपीय प्रभाव के पूर्व इस संस्कृति का विस्तार आसपास के द्वीपों तक अच्छी प्रकार हो चुका था। इस मिश्रित संस्कृति का सौंदर्यबोध, बौद्धिक एवं धार्मिक दृष्टिकोण और सनातन से चली आती आदिम परंपराओं को द्योतित करनेवाली पुराकथाएँ और पुरातत्व विषयक सामग्रियाँ स्पष्ट करती हैं कि पालिनीशिया की सभ्यता ने अपनी रचना के अनेक तत्व जहाँ समीपवर्ती जातियों से ग्रहण किए, वहीं अपनी कथाओं, जादूगरी, अंधविश्वास, देवता, पूजाअर्चना, कला आदि द्वारा उन्हें विशेष रूप से प्रभावित भी किया है। प्रशांत महासागर के इस छोटे से द्वीप की सांस्कृतिक विरासत आज भी बहुत कुछ सुरक्षित है। पालिनीशिया की प्राचीन संस्कृति एवं साहित्यिक विशेषताएँ उसे निस्संदेह प्राचीन ग्रीस, भारत और स्केंडिनेविया के समानांतर खड़ा करती हैं।

(श्याम तिवारी)