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प्रयुक्ति, 27 दिसम्बर, 2017

प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिये अब नगर निगम ने नई योजना बनाई है। नगर निगम सड़कों के सेंट्रल वर्ज पर फैंसी पेड़-पौधों के स्थान पर अब बाँस के पेड़ लगाएगा। पेड़ों को लगाने के साथ इनकी देखभाल की जिम्मेदारी कम्पनी की होगी।
एक वर्ष में पूरा आकार ले लेता है
इस योजना के अन्तर्गत पहले चरण में ट्रायल के तौर पर वसुंधरा, वैशाली, राजनगर व कविनगर के मुख्य मार्गों के सेंट्रल वर्ज पर पौधे लगाए जाएँगे। योजना के अनुसार बाँस के पौधे लगाने के बाद उसका परिणाम ठीक पाए जाने पर अन्य स्थानों पर भी बाँस के पौधे लगाए जाएँगे। गौरतलब है कि बाँस के पौधों को ज्यादा देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है। पर्याप्त नमी मिलने पर ये पेड़ एक वर्ष में अपना आकार प्राप्त कर लेता है। वहीं, बाँस कार्बन डाइऑक्साइड को सोखने की जबरदस्त ताकत रखने वाले होते हैं। ऐसे में वाहनों से उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड से होने वाले प्रदूषण को कम करने में बाँस काफी मददगार साबित होंगे।
ज्यादा कार्बन सोखता है
नगरायुक्त चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि पहले चरण में वसुंधरा के कुछ मार्गों को चिन्हित किया गया है। नगरायुक्त सिंह ने बताया कि बाँस कार्बन सोखने में सबसे ज्यादा कारगर होता है। इसे अधिक पानी की आवश्यकता भी नहीं होती है। बाँस वातावरण से सबसे ज्यादा कार्बन सोखता है। निगम अधिकारियों की मानें तो उन्होंने इसके लिये कई स्थानों पर सर्वे किया है और विशेषज्ञों से वार्ता की है। जिसके बाद यह तय किया गया है कि सड़कों के सेंट्रल वर्ज पर बाँस के पौधे लगाना ज्यादा बेहतर है।