यमुना में अमोनिया पेयजल संकट

Submitted by Hindi on Mon, 01/01/2018 - 11:00
Source
प्रयुक्ति, 01 जनवरी, 2018

दिल्ली में पहले से ही प्रदूषित हवा की मार झेल रहे राजधानीवासियों को नए साल में पेयजल संकट से जूझना पड़ेगा। यमुना नदी में अमोनिया प्रदूषण का स्तर बढ़ जाने के कारण वजीराबाद, चंद्रावल, हैदरपुर-1, हैदरपुर-2, ओखला, द्वारका, बवाना तथा नांगलोई वाटर ट्रीटमेंट प्लान्ट में जलशोधन कार्य ठप हो गया है। दिल्ली जल बोर्ड ने कहा है कि अगले 48 घंटे तक इन जलशोधन संयंत्रों से पानी का शोधन नहीं हो सकता।

यमुना नदीजल बोर्ड के अनुसार इस परेशानी की वजह से नॉर्थ, सेंट्रल, वेस्ट, साउथ, दिल्ली कैंट तथा नई दिल्ली नगर पालिका क्षेत्र (एनडीएमसी) क्षेत्र सहित तकरीबन आधी से ज्यादा राजधानी क्षेत्र में पानी आपूर्ति प्रभावित रहेगी। जल बोर्ड ने कहा है कि लोग आवश्यकतानुसार पानी रख लें तथा जरूरी होने पर उपभोक्ता जल बोर्ड के केन्द्रीय नियंत्रण कक्ष के फोन नम्बर- 1916-23527679, 23634469, 23513073 व 1800117118 पर सम्पर्क कर पानी का टैंकर मँगा सकते हैं।

हरियाणा की फैक्ट्रियों से यमुना में मिलता है केमिकल


दरअसल यमुना में हरियाणा से आने वाले कच्चे पानी को दिल्ली बोर्ड उपरोक्त ट्रीटमेंट प्लान्ट में शोधन कर पीने लायक बनाकर सप्लाई करता है। इस कच्चे पानी में हरियाणा के फैक्ट्रियों से गन्दे व केमिकल युक्त पानी को बिना शोधित किये बहा दिया जाता है। इस कारण दिल्ली को मिलने वाले कच्चे पानी में अमोनिया प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे पानी जहरीला हो जाता है। इस पानी को संयंत्र शोधित नहीं कर पाता है क्योंकि शोधन के बाद भी पानी दूषित ही रहता है। प्रदूषण का असर ट्रीटमेंट प्लान्टों पर भी पड़ता है। इस कारण संयंत्रों को बन्द करना पड़ता है।