पर्वतीय वर्षा (Mountain Rain)

Submitted by admin on Sun, 07/17/2011 - 13:57
आर्द्र हवाओं के मार्ग में किसी पर्वत की स्थिति के कारण हवाओं के ऊपर उठने तथा संघनन होने के परिणामस्वरूप होने वाली वर्षा। मार्ग में पर्वतीय अवरोध के कारण हवाएं पर्वतीय ढाल के सहारे ऊपर उठती हैं, ऊँचाई के साथ ठंडी होती जाती हैं और एक निश्चित ऊँचाई पर पहुँचने पर वे संतृप्त हो जाती हैं जिससे संघनन प्रारंभ हो जाता है तथा वर्षा होने लगती है। संघनन की गुप्त ऊष्मा के वायु में मिल जाने से वायु पुनः ऊपर उठती है और आर्द्र रुद्धोष्म ताप ह्रास दर से ठंडी होकर उसके पुनः संघनन से बढ़ती ऊँचाई पर भी वर्षा होती है। अतः हवाओं के सम्मुख स्थित पर्वतीय ढाल पर सर्वाधिक वर्षा होती है। पर्वत को पार करके जब हवाएं दूसरे ढाल (पवन विमुखी ढाल) के सहारे नीचे उतरती हैं, उनके तापमान में वृद्धि होने लगती है और संघनन के अभाव में वर्षा प्रायः नहीं हो पाती है अथवा अत्यल्प वर्षा होती है। अतः पर्वत का पवन विमुखी ढाल वृष्टि छाया प्रदेश (rain shadow region) कहलाता है। आर्द्र पवनों के मार्ग में अवरोधक रूप में पर्वत की स्थिति, सागर से पर्वत श्रेणी की निकटता, पर्वत का अधिक ऊँचा होना तथा प्रचलित पवन में पर्याप्त आर्द्रता की उपस्थिति पर्वतीय वर्षा के लिए आदर्श दशाएं होती हैं।

अन्य स्रोतों से




बाहरी कड़ियाँ
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विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)
उष्ण एवं आर्द हवाएं जब पर्वतिय भागों से अवरुद्ध होती हैं, तो उनके ढाल के सहारे ऊपर उठने लगती हैं, जिस कारण "शुष्क एडियाबेटिक दर" से प्रति १००० फीट पर वायु का ५.५ डिग्री फा० तापक्रम कम होने लगता हैं , जिस कारण वायु ठंडी होती जाती हैं और उसकी सापेक्षित आर्द्रता बड़नें लगती हैं । अधिक उपर जानें से वायु संतप्त हो जाती हैं तथा पुनः ऊपर उठनें पर संघनन प्रारम्भ हो जाता है, जिस कारण संघनन की गुप्त ऊष्मा वायु में मिल जाती हैं , जिससे वायु पुनः ऊपर उठने लगती हैं और अन्ततः उस सीमा को पहुच जाती हैं जहां पर स्थित वायु का तापक्रम इसके बराबर हो जाता हैं और हवा आर्द्र एडियाबेटिक ताप-पतन दर(प्रति १००० फीट पर ३.६ डिग्री फा०) से ठंडी होकर बढ़ती ऊचाई पर भी वर्षा करती जाती हैं । पर्वत के जिस ढ़ाल पर गवा टकराती हैं, उसे पवनमुखी ढ़ाल कहतें हैं तथा वर्षा इसी ढ़ाल पर होती हैं ।इसे व्रष्टि ढाल भी कहा जाता हैं । पर्वत के जिस ढाल के सहारे हवा नीचे उतरती हैं, उसे पवन विमुखी ढाल कहते हैं ।(1)

वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
हिन्दी में -

शब्द रोमन में
Parabaatiya Varsha, Parbatiya barsha
संदर्भ