पर्यावरण मंत्रालय से हटा नदियों की सफाई का काम

Submitted by Editorial Team on Wed, 06/19/2019 - 14:46
Source
दैनिक जागरण, 19 जून 2019

अब नदियों के सारे काम जल शक्ति मंत्रालय करेगा।अब नदियों के सारे काम जल शक्ति मंत्रालय करेगा।

सरकार ने पर्यावरण मंत्रालय से नदियों की सफाई का काम छीनकर जलशक्ति मंत्रालय को सौंप दिया है। अब तक जलशक्ति मंत्रालय के पास सिर्फ नदियों की सफाई का ही जिम्मा था, लेकिन अब वह शेष नदियों के प्रदूषण को दूर करने का काम भी देखेगा। कैबिनेट सचिवालय ने सरकार (कार्य आबंटन) नियम, 1961 में संशोधन करते हुए केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय का नाम बदल कर जलशक्ति मंत्रालय करने की अधिसूचना जारी कर दी है।

इसके साथ ही पेयजल व स्वच्छता मंत्रालय का विलय भी जलशक्ति मंत्रालय में कर दिया गया है। जलशक्ति मंत्रालय में अब दो विभाग होंगे। पहला जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण, दूसरा पेयजल और स्वच्छता विभाग। खास बात यह है कि गंगा और उसकी सहायक नदियों को छोड़कर अन्य नदियों का संरक्षण विकास प्रबंधन नदियों के प्रदूषण को दूर करने का जिम्मा अभी तक पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के पास था, जिसे अब जनशक्ति मंत्रालय के पास स्थानांतरित कर दिया गया है। इसी तरह राष्ट्रीय नदी संरक्षण निदेशालय भी अब जल शक्ति मंत्रालय का हिस्सा होगा। यह अब तक पर्यावरण मंत्रालय के पास था। 

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में पानी से संबंधित सभी विषयों को एक जगह लाकर जलशक्ति मंत्रालय के गठन का वादा किया था। पार्टी ने कहा था पानी बेहद महत्वपूर्ण संसाधन है, लेकिन इसका प्रबंधन केंद्रीय स्तर पर भी कई विभागों के माध्यम से होता है। हम जल के लिए नया मंत्रालय बनाएंगे। इस मंत्रालय का उद्देश्य जल प्रबंधन के मसले पर बेहतर सुनिश्चित प्रयास करना और इसे नई दिशा देना होगा। हालाकि माइक्रो इरिगेशन और वॉटर शेड मैनेजमेंट जैसे जल से संबंधित विषय अब भी जल शक्ति मंत्रालय के दायरे से बाहर हैं। इसी तरह झीलों के संरक्षण से संबंधित विषय भी अभी पर्यावरण मंत्रालय के पास ही रहेगा। हाल में जल मंत्रियों की बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्यों को उनके स्तर पर जल से संबंधित सभी विषयों को एक जगह लाने का आग्रह किया था।

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