पुष्य पुनर्बस भरे न ताल

Submitted by Hindi on Sat, 03/20/2010 - 11:08
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घाघ और भड्डरी

पुष्य पुनर्बस भरे न ताल।
तो फिर भरिहैं अगली साल।।


भावार्थ- यदि पुष्य और पुनर्वसु नक्षत्रों की वर्षा से ताल-तलैया न भरें तो फिर अगले वर्ष ही भरेंगे अर्थात् सूखा पड़ने के आसार है।