पूरब के बादर पश्चिम जायँ

Submitted by Hindi on Thu, 03/18/2010 - 15:06
Author
घाघ और भड्डरी

पूरब के बादर पश्चिम जायँ, पतली पकावै मोटी खाय।
पछुवाँ बादर पुरुब को जाय, मोटी पकावै पतरी खाय।।


शब्दार्थ- पतरी-पतली।

भावार्थ- यदि पूरब से उठे बादल पश्चिम की ओर जाएँ तो समझो वर्षा होने वाली है। तब पतली रोटी के स्थान पर मोटी रोटी पका कर खाओं। यदि बादल पश्चिम से पूरब की ओर जाएँ तो वर्षा की सम्भावना नहीं है और मोटी रोटी पकाने के स्थान पर आराम से पतली रोटी पका कर खाओ।