पिछले कई सालों से वैज्ञानिक अंतरिक्ष में विभिन्न ग्रहों पर पानी की खोज कर रहे है। अब तक वैज्ञानिकों को पानी के कोई पुख्ता सबूत तो नहीं मिले हैं लेकिन हाल ही में पृथ्वी में कुछ ऐसे सबूत मिले हैं जिससे अंतरिक्ष पर पानी की गुत्थी सुलझ सकती है।
दरअसल पिछले साल ब्रिटेन के ग्लासडोर शहर में गिरे उल्कापिंड में पानी के तत्व पाए गए थे। जिससे यह माना जा रहा है कि इससे अंतरिक्ष में पानी मिलने साथ ही पृथ्वी के विशालकाय महासागरों में पानी कहां से आया उसका भी पता चलेगा।
द इंडिपेंडेंट की खबर के मुताबिक नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम में प्लेनेटरी मेडिकल ग्रुप के एक शोधकर्ता एशेले किंग ने बताया है कि सैंपल का 12 फ़ीसदी हिस्सा पानी से बना हुआ है इसके साथ ही यह अब तक का जमा किया गया सबसे कम दूषित सैंपल है उन्होंने कहा कि उल्कापिंड बहुत सी जानकारियां दे रहा है इसकी संरचना पृथ्वी के महासागरों में मौजूद पानी की संरचना से काफी हद तक मेल खाती है
उन्होंने आगे कहा कि यहां टुकड़ा वास्तव में इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि एस्ट्रो नाइट और विनकॉम जैसे खगोलीय पिंडों का पृथ्वी के महासागरों में बहुत बड़ा योगदान है उन्होंने कहा यह पहली बार था कि जब उल्कापिंड पर दूसरे ग्रह का पानी मिला है भले ही वह खनिजों के रूप में था । करीब आधा किलोग्राम की अंतरिक्ष चट्टान को जल्दी ही 12 घंटे के भीतर हासिल कर लिया गया है जिससे पृथ्वी की सामग्री दूषित होने से बच गई