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कुरुक्षेत्र, नवम्बर 2017
राष्ट्रीय जल मिशन (एमडब्ल्यूएम) का मुख्य लक्ष्य “जल का संरक्षण, बर्बादी कम करना और समेकित जल संसाधन विकास और प्रबन्धन के जरिए विभिन्न राज्यों के बीच और किसी भी राज्य के भीतर जल का अधिक समानता पर आधारित वितरण सुनिश्चित करना” है। राष्ट्रीय जल मिशन के लक्ष्य हासिल करने के लिये चुनी हुई गतिविधियों को समयबद्ध रूप में पूरा करने और चुनी हुई नीतियों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने तथा राज्य सरकारों के साथ विभिन्न स्तरों पर सहमति के जरिए आवश्यक कानून बनाने, दोनों के सन्दर्भ में दीर्घावधि के स्थायी उपायों पर बल दिया गया है। मिशन के पाँच निर्धारित लक्ष्य इस प्रकार हैं :
(क) सार्वजनिक क्षेत्र में जल सम्बन्धी आँकड़ों का एक व्यापक डाटा बेस बनाना और जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव का आकलन करना;
(ख) जल संरक्षण, संवर्धन और परिरक्षण के लिये नागरिकों और सरकार की कार्रवाई को प्रोत्साहित करना;
(ग) अत्यधिक दोहन वाले क्षेत्रों सहित पानी की कमी वाले क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करना;
(घ) पानी का किफायत के साथ इस्तेमाल करने में 20 प्रतिशत बढ़ोत्तरी करना और
(ङ) बेसिन (नदी थाला)-स्तरीय समेकित जल संसाधन प्रबन्धन को प्रोत्साहित करना।
लक्ष्य हासिल करने के लिये विभिन्न कार्यनीतियों की पहचान की गई है, जिनकी परिणति हितभागियों के सक्रिय योगदान के सात जल स्थायी विकास और सक्षम प्रबन्धन के लिये समेकित आयोजना के रूप में होती है। इससे पहले, विश्वसनीय डाटा और जानकारी के आधार पर विकास परिदृश्य और प्रबन्धन पद्धतियों की पहचान और आकलन किया जाता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों के सन्दर्भ में कितने स्वीकार्य हैं।