केवल 25 दिनों में अटरू ब्लॉक हुआ खुले में शौचमुक्त

Submitted by Hindi on Sat, 02/04/2017 - 12:52
Source
कुरुक्षेत्र, दिसंबर 2016

.इस साल 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती के अवसर पर खुले में शौचरहित गाँव बनने की होड़ में राजस्थान में बारां जिले का अटरू ब्लॉक भी शामिल हो गया और जिले को केवल 25 दिनों की अवधि में खुले में शौच से मुक्त कर लिया गया। गाँव के प्रधान और 30 पंचायतों के सरपंचों ने गाँवों को खुले में शौचमुक्त बनाने के प्रयासों में तेजी लाने के लिये 30 दिन तक दिन में केवल एक समय भोजन लेने का व्रत ले लिया। वे इस बात से आश्वस्त थे कि गाँव को शौचमुक्त बनाने के उनके प्रयासों में तेजी लाने के लिये यह एक प्रभावी तरीका होगा और वास्तव में यह सच साबित हुआ।

बारां जिले की जिला परिषद के सीईओ गवती प्रसाद कलाल का मानना था कि गाँधीजी ने तो कई सामाजिक बुराइयों और अन्याय के खिलाफ अहिंसक लड़ाई लड़ी थी तो उनके सम्मान में वे भी इस अहिंसक तरीके से खुले में शौच के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।

एक सितंबर से शुरू इस कवायद में जिला प्रशासन ने प्रधान, सरपंच, ग्रामसेवक, शिक्षक, स्कूलों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सरकारी अधिकारियों और राशन की दुकानों के डीलरों के साथ, जिनका लोगों से सीधा सम्पर्क रहता है, विभिन्न बैठकों का आयोजन किया। बहुत विवेचना के बाद, ब्लॉक और पंचायत प्रमुखों ने 14 सितंबर को यह फैसला लिया कि जब तक उनके गाँवों में सभी लोग शौचालय का इस्तेमाल करना शुरू नहीं करेंगे तब तक वे केवल दिन में एक वक्त ही भोजन ग्रहण करेंगे।

सीईओ के अनुसार इसके परिणाम अनुमान से कहीं बेहतर रहे। शुरू में लोग हैरान थे और फिर वे इस मुद्दे की गम्भीरता को समझने लगे। इसके बाद निर्माण गतिविधियाँ काफी तेज गति से शुरू हुई। सरपंचों ने परिवारों को वित्तीय सहायता के साथ निर्माण सामग्री प्रदान की। बारिश की वजह से काम में देरी न हो इससे बचने के लिये ईंटों को लाने के लिये बैलगाड़ियों का इस्तेमाल किया गया। शौचालयों के निर्माण के लिये आवश्यक सामग्री को उनके घरों में ही रखा गया।

इसके अलावा, छात्रों और शिक्षकों के अभियान के समर्थन में खड़े होने से इस आंदोलन को और मजबूती मिली। वे लोगों को समझाने के लिये घर-घर गए और इसके सुखद परिणाम सामने आए।

धीरे-धीरे गाँव को खुले में शौचमुक्त बनाने की इस मुहिम में सभी शामिल हो गए और यह एक जन-आंदोलन बन गया। अभियान के प्रभाव का अनुमान इस बात से ही लगाया जा सकता है कि जहाँ एक सितंबर से पहले केवल 5 ओडीएफ पंचायतें थी वहीं सिर्फ 25 दिनों में शेष 30 पंचायतें खुले में शौचमुक्त हो गई। मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि अब अटरू ब्लॉक पूरी तरह ओडीएफ बन गया है।