रेडियोलेरीय निपंकः
गहरे समुद्रों के अधस्तल पर पाया जाने वाला एक सिलिकामय पंक जो अधिकांशतः रेडियोलेरिया के कंकाली अवशेषों से संघटित होता है।
अन्य स्रोतों से
एक प्रकार का पंक, जो उष्ण कटिबंधीय गहरे सागरों की तली पर पाया जाता है। इसकी संरचना जाली की तरह होती है। इसकी रचना अनेक सिलिकामय जैव अवशेषों विशेषतः छोटे-छोटे साधारण जंतुओं के कवचों (जो रेडियोलेरिया कहलाते हैं) से होती है। यह मध्य प्रशांत महासागर के एक बड़े भाग तथा हिंद महासागर के दक्षिणी-पूर्वी भाग में पाया जाता है।