सौर किरणें बुझाएंगी ‘प्यास’

Submitted by Hindi on Sat, 10/25/2014 - 12:06
Source
राजस्थान पत्रिका, 20 अक्टूबर 2014

.उदयपूर। जंगलों में बसे मजरे व ढाणियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। यह पानी भी बिना किसी खर्च के हैंडपंपों से मिलेगा, क्योंकि न इसमें बिजली और न ही फ्लिटर की आवश्यकता होगी। जलदाय विभाग की इस अनूठी योजना को मंजूरी मिलने के साथ ही लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने का यह सपना साकार होने जा रहा है। फिलहाल इस योजना में डूंगरपुर जिले के 100 हैंडपंपों को लिया गया है।

जनजातीय इलाकों में अधिकांश मजरे व ढाणियां पहाड़ी इलाकों में हैं। ऐसे में वहां बिजली लाइन पहुंचाना मुश्किल काम है। इसके चलते पेयजल योजनाओं का लाभ भी मुकाम तक नहीं पहुंच पाता है। इसके स्थाई समाधान के लिए विभाग द्वारा डूंगरपुर जिले के हैंडपंपों को सौर ऊर्जा से चलाने की योजना सरकार के पास भेजी गई थी।

उसे हाल ही में स्टेट लेवल सेंशनिंग कमेटी द्वारा मंजूरी देते हुए नौ करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी की गई। औसतन हर हैंडपंप पर यह सिस्टम लगाने की लागत नौ लाख रुपए आएगी।

 

 

मिलेगा शुद्ध पानी


हैंडपंप पर सोलर बेस पंपिंग स्टेशन व प्लास्टिक टंकी लगाई जाएगी। चूंकि हैंडपंपों के पानी में फ्लोराइड की समस्या भी है। अतः इन्हें डिफ्लोराइडेशन यूनिट से भी जोड़ा जाएगा। इस प्रकार टंकी से मिलने वाला पानी शुद्ध होगा। इस व्यवस्था में विभाग को हर माह बिजली का बिल भरने से भी मुक्ति मिलेगी। साथ ही पानी की शुद्धता के लिए उपाय भी नहीं करने पड़ेंगे। इससे विभाग के लाखों रुपए बचेंगे, वहीं पानी को लेकर लोग बिजली पर निर्भर भी नहीं रहेंगे।

प्रदेश में विभाग की अपनी तरह की यह पहली योजना है। एक बार खर्च के बाद देखने की जरूरत नहीं होगी। हैंडपंपों पर सिस्टम स्थापित करने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। संबंधित कंपनी अगले पांच साल तक रख-रखाव भी करेगी।

100 हैंडपंप बनाए जाएंगे सोलर पंपिंग यूनिट
फ्लोराइड की समस्या से भी मिलेगी मुक्ति
जलदाय विभाग की योजना को मंजूरी

केवीएस राणावत, संभागीय मुख्य अभियंता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग उदयपुर