सावन पहली पंचमी

Submitted by Hindi on Sat, 03/20/2010 - 14:42
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घाघ और भड्डरी

सावन पहली पंचमी, जोर की चलै बयार।
तुम जाना प्रिय मालवा, हम जावैं पितुसार।।


भावार्थ- यदि श्रावण कृष्ण पंचमी को हवा तेज चले, तो हे प्रिय! तुम मालवा जाना और मैं अपने पिता के घर चली जाऊँगी क्योंकि अकाल पड़ना तय है।