सावन उजरे पाख में

Submitted by Hindi on Thu, 03/25/2010 - 16:42
Author
घाघ और भड्डरी

सावन उजरे पाख में, जो ये सब दरसायँ।
दुंद होय छत्री लड़ैं, भिरैं भूमिपति रायँ।।


भावार्थ- सावन शुक्ल पक्ष में यदि यही योग पड़े तो भयानक लड़ाई होगी। क्षत्रिय और राजा-राव लड़ेंगे।