सुनियोजित प्लान से फिर सकते हैं यमुना के दिन : पर्यावरणविद

Submitted by admin on Mon, 05/19/2014 - 08:54
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दैनिक भास्कर, 19 मई 2014

सबसे पहले यमुना की शाखाओं को करना होगा जीवित, दिल्ली के 18 प्रमुख नालों का पानी शोधित करने का प्रावधान हो

यमुना को मारने की तैयारीकेवल घोषणाओं से यमुना साफ नहीं हो सकती, बल्कि यमुना से जुड़ी नदियों को जीवित करना होगा, अन्यथा यमुना को साफ करने का ख्वाब केवल घोषणा बनकर रह जाएगा। जाने-माने पर्यावरणविद राजेन्द्र सिंह ने अपने एक बयान में कहा है कि दिल्ली के 18 प्रमुख नालों के पानी को सबसे पहले शोधित करने का प्रावधान किया जाना चाहिए।

बता दें कि लगभग डेढ़ महीने पहले जब भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी से चुनाव लड़ने की घोषणा की तो देश में एक बार फिर से गंगा-यमुना सहित तमाम महत्वपूर्ण नदियों के दिन बहुरने की चर्चा शुरू हो गई। दिल्ली में लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों ने यमुना को साफ करने की बातें कीं। अब जब भाजपा सत्ता पर काबिज होने जा रही है तो दिल्लीवालों को ऐसा लग रहा है कि जीवनदायिनी नदी यमुना का रूप भी बदल जाएगा।

 

सरकारी अकर्मण्यता से नदियां बनीं नाला


मैग्सेसे अवार्ड विजेता राजेन्द्र सिंह का कहना है कि सरकारी अकर्मण्यता की वजह से देश की दो-तिहाई नदियां गंदे नाले में तब्दील होती जा रही हैं। देश में एक भी नदी साफ नहीं बची है। यदि नई केन्द्र सरकार वाकई यमुना को साफ-सुथरा करने को कृतसंकल्प है तो उसे सबसे पहले हरियाणा और उत्तर प्रदेश से यमुना में मिलने वाली छोटी-छोटी नदियों की स्थिति में सुधार करना होगा। इसके बाद दिल्ली में यमुना में मिलने वाले 18 नालों के गंदे पानी को शोधित करके बागवानी जैसे कार्यों में उपयोग करना चाहिए और नदी में साफ पानी को छोड़ना होगा।

 

नदियों की सफाई बड़ा कार्य नहीं


'यमुना जिए' अभियान के संयोजक मनोज मिश्रा का कहना है कि यदि देश के होने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गंगा-यमुना की सफाई की इच्छा रखते हैं तो यह कार्य कोई बड़ा नहीं है, लेकिन इसके लिए उन्हें वाराणसी में सबसे पहले गंगा की सहायक नदी वरुणा और अस्सी का अस्तित्व लौटाना होगा।

इसी तरह दिल्ली में भी यमुना को साफ-सुथरा रखने के लिए नदी में अनवरत पानी का बहाव जारी रखना होगा। टॉक्सिक लिंक के प्रमुख रवि अग्रवाल का कहना है कि सरकार को सबसे पहले यमुना में पानी का बहाव रखना जरूरी है। इसके अलावा यमुना एक्शन प्लान को ठीक ढंग से लागू किया जाए। सरकार को सीवेज टीट्रमेंट प्लांट (एसटीपी) पर विशेष ध्यान देना होगा। इसके अलावा यमुना के फ्लड प्लेन (बाढ़ क्षेत्र) को अतिक्रमण मुक्त रखा जाए, ताकि पानी का सही ढंग से संरक्षण हो सके।