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दैनिक भास्कर, 16 अक्टूबर 2011
जागा पीएचई विभाग
झाबुआ : फ्लोराइड नियंत्रण के नाम पर लाखों रुपया फूंकने के बावजूद समस्या दूर नहीं हुई है। उदाहरण पिछले दिनों जिला अस्पताल में लगाए गए शिविर में आए फ्लोरोसिस के 27 नए मामले है। स्थिति पर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर की तो शनिवार को पीएचई विभाग ने ताबड़तोड़ फ्लोराइड नियंत्रण पर कार्यशाला रख दी। कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा महिला एवं बाल विकास विभाग की जवाबदेही तय की। विभागों का जमीनी अमला अब ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को फ्लोराइडयुक्त पानी पीने से स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी देगा।
जनजागृति भी जरूरी
कलेक्टर जयश्री कियावत ने कहा फ्लोराइड नियंत्रण के लिए सरकारी स्तर पर तो प्रयास किए जा रह हैं, साथ ही जनजागृति की भी जरूरत है। फील्ड का अमला इस कार्य में सहयोग दें तभी योजना धरातल पर साकार हो पाएगी। कार्यक्रम में एसपी आरपीसिंह, जिला पंचायत सीईओ राकेशसिंह, एसडीएम सीएल सोलंकी, प्रहलाद अमरचिया, विष्णु कमलकर, डिप्टी कलेक्टर संजय चतुर्वेदी, सीएमएचओ डॉ. रजनी डावर, सहायक आयुक्त मोहिनी श्रीवास्तव, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी नीलू भट्ट, उप संचालक कृषि एसएन सेन आदि मौजूद थे।
नियंत्रण के लिए दिए सुझाव
कार्यशाला में जिला अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. वीएस निनामा, रेडियोलॉस्टिर डॉ. एके दुबे, डॉ. संजय मालवीय, दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. एसएस गर्ग व डॉ. सीएल बर्वे ने फ्लोरोसिस रोग की रोकथाम के लिए कई सुझाव भी दिए।