उत्तराखंड बजट 2020-21 से 1165 करोड़ रुपये से मिलेगा साफ पानी

Submitted by Shivendra on Thu, 03/05/2020 - 15:52

जल, पृथ्वी और इंसान दोनों के ही अस्तित्व के लिए बेहद जरूरी है। चार दशक पहले की बात करें तो, तालाब, कुएं, पोखर, नौले-धारे और नदियों आदि के माध्यम से ही लोगों को जल प्राप्त होता था, लेकिन अतिदोहन और ग्लोबल वार्मिंग के कारण जल संकट गहराता गया। तो वहीं लोगों की जीवनशैली में बदलाव होने से घरों तक नल से पानी पहुंचने लगा, लेकिन आज भी देश में करोड़ घर ऐसे है, जिन्हें नल से जल ही नहीं मिलता है। अर्थात इन घरों में अभी तक पेयजल लाइन ही नहीं पहुंच पाई है। ऐसे में इन लोगों पानी के लिए दो-चार होना पड़ता है। उत्तराखंड राज्य, जो कि गंगा और यमुना सहित विभिन्न नदियों का उद्गम स्थल है, यहां भी लाखों घरों में अभी तक नल नहीं पहुंच पाया है। देश के सभी घरों तक नल से स्वच्छ जल पहुंचाने के लिए ही केंद्र सरकार ने पिछल साल हर घर नल जल अभियान शुरू किया था। इसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए उत्तराखंड सरकार ने बजट 2020-21 में 1165 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। 

1165 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश के साल लाख लोगों को पीने का साफ पानी मिल सकेगा। साथ ही सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत नल से जल की आपूर्ति करने के लिए 1 लाख 84 हजार नए निजी कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा है। इससे उन घरों तक पानी पहुंचाने में आसानी होगी, जिन्हें अभी भी पानी लेने घर से दूर जाना पड़ता है। इसके अलावा, गहराते पेयजल संकट को दूर करने और भविष्य की मांग को ध्यान में रखते हुए 680 हैंडपंप, पांच मिनी ट्यूबवेल और 20 गहरे ट्यूबवेल लगाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही 810 ग्रामीण पेयजल योजनाओं का जीर्णोंद्धार व सुदृढ़ीकरण भी किया जाएगा। वहीं दो महीने बाद शुरू हो रही चारधाम यात्रा पर भी पेयजल व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाएगा तथा 70 ग्रामीण व 10 नगरीय पेयजल योजनाएं पूरी जाएंगी। बजट के अंतर्गत वर्ष 2020-21 के आय-व्यय में जल जीवन मिशन के तहत 134 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित है। 

गर्मी के दिन आए ही पहाड़ों में पानी का संकट काफी गहरा जाता है। पूरे भारत को पानी पिलाने वाले पहाड़ों के गले सूख जाते हैं। ऐसे में पर्वतीय क्षेत्रों में नाबार्ड पोषित योजनाओं से 7.09 लाख जनसंख्या को साफ पानी उपलब्ध कराया जाएगा। तो वहीं 22 नई योजनाओं को भी नाबार्ड वित्त पोषित करेगा। नाबार्ड ने फिलहाल पेयजल विभाग को 190 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया है। उत्तराखंड के अर्द्धनगरीय क्षेत्रों में भी उत्तराखंड पेयजल कार्यक्रम के तहत विश्व बैंक के 975 करोड़ की योजना पर 22 अर्द्धनगरीय क्षेत्रों में काम होगा। बजट में सरकार के इन प्रावधानों से तो लगता है कि धरातल पर लोगों को काफी फायदा होगा और जल संरक्षण के प्रति सरकार काफी जागरुक भी नजर आ रही है, लेकिन घटते जल स्तर और प्रदूषित होती व सूखने की कगार पर आई नदियों की समस्या के बीच हर घर में नल तो लग जाएगा, लेकिन सरकार आखिर सप्लाई करने के लिए जल लाएगी कहां से ? यदि जल मिला भी तो, कितना स्वच्छ होगा ? इस पर भी विचार करने की जरूरत है।

लेखक - हिमांशु भट्ट (8057170025)


ये भी पढ़ें - 

 

TAGS

water crisis, water crisis uttarakhand, water budget, water budget uttarakhand, jal jeevan mission, jal jeevan mission uttarakhand, uttarakhand water budget, uttarakhand water budget 2020-21, uttarakhand budget 2020-21, water crisis india.