बजट 2019 में ग्रामीण भारत के विकास की योजनाएं

Submitted by Shivendra on Fri, 08/30/2019 - 07:32
Source
योजना, अगस्त 2019

बजट 2019 में ग्रामीण भारत विकास के लिए योजनाएं।बजट 2019 में ग्रामीण भारत विकास के लिए योजनाएं।

वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्माला सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए बजट पेश किया। केन्द्रीय बजट 2019-20 में ग्रामीण भारत से सम्बन्धित प्रमुख योजनाएँ इस तरह हैं -

ग्रामीण भारत

1. उज्ज्वला योजना और सौभाग्य योजना ने प्रत्येक परिवार की जिन्दगी को बदल दिया है और इससे नाटकीय तरीके से उनका जीवन बेहतर हुआ है।

2. साल 2022 तक सभी इच्छुक ग्रामीण परिवारों के लिए बिजली और खाना बनाने की साफ-सुथरी व्यवस्था।

3. प्रधानमंत्री  आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) का मकसद साल 2022 तक ‘सबके लिए घर’ का लक्ष्य हासिल करना है: 

  • सक्षम लाभार्थियों को शाौचालय, बिजली और एलपीजी कनेक्शन जैसी सुविधाओं के साथ 1.95 करोड़ घर मुहैया कराए जाएँगे (2019-20 से 2021-22)।

4. प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई)

  • मत्स्य पालन विभाग द्वारा पीएमएमएसवाई के जरिए मत्स्य प्रबन्धन का एक मजबूत ढाँचा स्थापित किया जाएगा।
  • आधारभूत संरचना, आधुनिकीकरण, उत्पादन, उत्पादकता, फसलों की कटाई के बाद प्रबन्धन और गुणवत्ता नियंत्रण समेत मूल्यश्रृंखला में प्रमुख कमियों से निपटना।

5. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना(पीएमजीएसवाई)

  • सक्षम और व्यावहारिक ठिकानों को जोड़ने के लिए समय सीमा 2022 से घटाकर 2019 कर दी गई और 97 प्रतिशत ऐसे ठिकाने पहले ही सभी मौसम वाली अनुकूल व्यवस्था के साथ मुहैया कराए जा रहे हैं।
  • हरित तकनीक, कचरा प्लास्टिक और कोल्ड मिक्स तकनीक का इस्तेमाल कर पीएमजीएसवाई के तहत 30000 किलोमीटर सड़क बनाई गई है और इस तरह से कार्बन के असर को कम किया गया है।
  • पीएमजीएसवाई-III के तहत 125000 किलोमीटर की लम्बाई में सड़कों को उन्नत (अपग्रेड) किया जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत 80250 करोड़ रुपए है।

 6. पारम्परिक उद्योगों के पुनरुद्धार और सुधार के लिए फंड की योजना

  • रोजगार के दीर्घकालिक अवसर पैदा करने और पारम्परिक उद्योगों को ज्यादा उत्पादक, लाभकारी बनाने के लिए सामान्य सुविधा केन्द्र स्थापित किए जाएँगे। इन केन्द्रों के जरिए क्लस्टर आधारित विकास को बढ़ावा देकर सम्बन्धित लक्ष्य हासिल किया जाएगा।
  • वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 100 नए क्लस्टर स्थापित किए जाएँगे और इसमें बांस, शहद और खादी पर विशेष ध्यान होगा। इससे 50000 कारीगरों को आर्थिक मूल्य श्रृंखला से जुड़ने का मौका मिलेगा।

7. नवाचार, ग्रामीण उद्योग और उद्यमिता से जुड़ी योजना (एस्पायर) को मजबूती

  • 2019-20 में 80 आजीविका बिजनेस इनक्यूबेटर और 20 तकनीक बिजनेस इनक्यूबेटर स्थापित किए जाएँगे।
  • कृषि-ग्रामीण उद्योग क्षेत्रों में 75000 उद्यमियों को कौशल से लैस किया जाएगा।
  • किसानों के खेतों के उत्पाद और सम्बन्धित अन्य गतिविधियों में मूल्य संवर्द्धन के लिए निजी उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • जानवरों का चारा तैयार करना, दूध की मार्केटिंग, प्रसंस्करण और खरीदारी के लिए आधारभूत संरचना तैयार कर सहकारी समितियों के जरिए डेयरी के काम को प्रोत्साहित करना।
  • 10000 नए किसान उत्पादक संगठन बनाए जाएँगे, ताकि उनके हितों का उचित ख्याल रखा जा सके।
  • किसानों को ई-नैम का फायदा मिल सके, इसके लिए केन्द्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर काम करेगी।
  • जीरो बजट खेती में कुछ राज्यों के किसानों को पहले से प्रशिक्षित किया जा रहा है और इसे अन्य राज्यों में भी दोहराया जाएगा।

8. भारत की जल सुरक्षा

  • नया जल शक्ति मंत्रालय एकीकृत और संगठित तरीके से हमारे जल संसाधनों और जल आपूर्ति प्रबन्धन पर काम करेगा।
  • साल 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में हर घर जल का लक्ष्य हासिल करने के लिए जल जीवन मिशन।
  • स्थानीय स्तर पर पानी के एकीकृत माँग और आपूर्ति प्रबन्धन पक्ष पर केन्द्रित।
  • सम्बन्धित लक्ष्य हासिल करने के लिए राज्य और केन्द्र सरकार की अन्य योजनाओं पर मिलकर काम करना।
  • जल शक्ति अभियान के लिए 1592 महत्त्वपूर्ण और 256 जिलों में फैले, दोहन किए गए ब्लॉक की पहचान करना।
  • इस मकसद के लिए प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबन्धन और नियोजन प्राधिकरण (सीएएमपीए) फंड का इस्तेमाल किया जा सकता है।

9. स्वच्छ भारत अभियान

  • 2 अक्टूबर, 2014 से अब तक 9.6 करोड़ शौचालयों का निर्माण हुआ।
  • 5.6 लाख से भी ज्यादा गाँव खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं।
  • हर गाँव में सतत ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के लिए स्वच्छ भारत मिशन का दायरा बढ़ाया जाएगा।

10. प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान

  • 2 करोड़ ग्रामीण भारतीयों को डिजिटल साक्षर बनाया गया।
  • गाँवों और शहरों के बीच खाई को पाटने के लिए भारत नेट के तहत हर पंचायत में इंटरनेट कनेक्शन।
  • भारत नेट की रफ्तार तेज करने के लिए पीपीपी प्रणाली के तहत ‘यूनिवर्सल ऑब्लिगेशन फंड’ का इस्तेमाल किया जाएगा।