वहाँ आज कीचड़

Submitted by Hindi on Sat, 07/09/2011 - 11:04
जहाँ पानी का जलसा होता था
वहाँ आज कीचड़ हँसता है

इतना सूख गयी है
झील
कि झील का ‘झ’ झुलसा हुआ दिखता है!
‘ई’ पपडि़याई हुई!!
‘ल’ की लाज भर के लिए
केवल अब पानी है!!!