विचार फैलाव के तर्क

Submitted by admin on Wed, 10/16/2013 - 12:57
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पानी का अर्थशास्त्र (रेवासागर अध्ययन रिपोर्ट)
1. कृषि अवशिष्ट तालाब के पानी के साथ recycle होगा जिससे humus बढ़ेगी तथा मिट्टी की उर्वराशक्ति बढ़ेगी।
2. वर्तमान में रबी की फसल 20-30 प्रतिशत किसान ही ले पाते हैं रेवासागर निर्माण से रबी की फसल में आशातीत वृद्धि संभव है।
3. सिंचाई के लिए नलकूप खनन एक जुआ है जबकि तालाब निर्माण में व्यय होने वाली राशि सौ प्रतिशत सुरक्षित निवेश है।
4.प्रतिवर्ष वर्षा जल का तालाब के जरिए संग्रहण और प्रतिवर्ष सिंचाई में खर्च। आमदनी अनुसार खर्च भूमिगत जल का सुरक्षित निधि की तरह संग्रहण एवं उपयोग।
5. नलकूप से अधिक गहराई से पानी खींचने में अधिक विद्युत खपत एवं महंगे सिंचाई संसाधन। सौ प्रतिशत विद्युत पर निर्भरता।
6. रेवासागर से कम गहराई से पानी निकालने पर विद्युत की बचत तथा विद्युत की अनुपलब्धता की स्थिति में कम व्यय भार।
7. रेवासागर की पाल पर फलदार पौधे, रतनजोत, फूल के पौधे इत्यादि का रोपण कर जीवन पर्यंत कृषि के अलावा अतिरिक्त आमदानी।
8. रेवासागर में मछली पालन, सिंघाड़ा एवं कमल गट्टे की लाभकारी खेती संभव रेवागर बनाम अतिरिक्त आय का सुरक्षित जरिया।
9. रेवासागर से भूमि में नमी की वृद्धि।
10. रेवासागर में पानी सूखने के बाद पर्याप्त नमी से चने-सब्जी की अच्छी फसल। रेवासागर-आम के आम गुठली के भी दाम।
11.पानी एवं नमी की उपलब्धता के कारण कृषि कीट मित्रों की बढ़ोतरी।
12. सतही जल की उपलब्धता के कारण प्रतिवर्ष सैकड़ों पशु पक्षियों का जल किनारे अतिथियों के रूप में आगमन। पर्यावरण संरक्षण मानव धर्म और कर्तव्य।
13.पानी की उपलब्धता की स्थिति में पशुधन/निस्तार हेतु जल की मात्रा उपलब्ध रहेगी तथा हरा चारा भी उपलब्ध रहेगा।
14. जैव विविधता में इजाफा।
15. उर्वरकों के व्यय में कमी।