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दैनिक भास्कर, 5 जुलाई
जंगलों की सुरक्षा और विकास के लिए जापान सरकार की ओर से दी गई सहायता राशि पर वन विभाग के अफसर जमकर मनमानी कर रहे हैं। विभाग के लगभग सभी डिवीजन में इस बजट से पौधरोपण, एनीकट आदि के काम किए जा रहे हैं। कई जगहों पर एनीकट बनाने का यह काम कागजों में ही पूरा करके बिल फाइनल हो रहे हैं और चेक भी काट दिए गए हैं।
इससे उलट जंगलों में एनीकट के काम आधे-अधूरे हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला वन विभाग के जयपुर डिवीजन (उत्तर) में सामने आया है। यहां जापान हैडेड ‘फोरेस्ट्री डवलपमेंट प्रोजेक्ट’ (एफडीपी) के तहत करीब 50 लाख रुपए के कार्य किए जा रहे हैं। डीबी स्टार को भनक लगी कि संबंधित डीएफओ ने 30 जून को पानीपेच स्थित कार्यालय में उन जगहों पर चल रहे कार्य के बिल भी फाइनल करके चेक काट दिए, जो काम हाल ही शुरू किए गए हैं। इसमें कोटपूतली रेंज स्थित टसकोला और फतहपुरा में बनाए जा रहे एनीकट के काम शामिल हैं।
डिवीजन के ही अफसरों से चेक काटने की बात पुख्ता होने के बाद डीबी स्टार टीम मौका मुआयना करने कोटपूतली पहुंची। पता लगा कि टसकोला और फतहपुरा में एनीकट बनाने के लिए अभी दीवारें भी पूरी तरह खड़ी नहीं हो पाई हैं। अभी तो पूरा स्ट्रक्टर तैयार होना है। इसके बाद प्लास्टर होगा और फिर कई दिन तक तराई। नियमानुसार इसके बाद संबंधित अफसर मौका मुआयना कर काम का मेजरमेंट करते हैं। अगर कोई कमी-बेसी है तो उसे पूरा कराएंगे, तब कहीं जाकर बिल फाइनल किए जाते हैं, लेकिन संबंधित डिवीजन के फोरेस्टर, रेंजर, एसीएफ और डीएफओ में से किसी ने भी इन नियमों की परवाह नहीं की और चेक काटने में ही दिलचस्पी दिखाई।
डीबी स्टार की पड़ताल में सामने आया कि संबंधित अफसरों में से कुछ तो काम देखने मौके पर गए ही नहीं। संबंधित एसीएफ हेमंत सिंह हापावत से जब काम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पूरे विश्वास के साथ काम पूरा होने के बाद ही चेक काटने की बात कही। साथ ही कहा, ‘ऐसा भी होता है क्या कि काम नहीं हो और चेक काट दिए जाएं?’ इसके बाद रिपोर्टर की ओर से उन्हें कोटपूतली में मौके पर होने की बात कही तो वे सकपका गए और कहा कि वे कई दिन पहले गए थे, इसलिए उन्हें लगा कि शायद अब तो काम पूरे हो गए होंगे और इसी कारण उन्होंने बिलों पर साइन कर दिए।
चेक तो कटते रहते हैं, काम का पता नहींदीपचंद बैरवा, डीएफओ, जयपुर (उत्तर) से सवाल
आपके डिवीजन में एफडीपी योजना के तहत क्या काम चल रहे हैं?
कुछ काम चल रहे हैं। बताइए?
कोटपूतली रेंज में टसकोला और फतहपुरा में चल रहे एनीकट बनाने के काम पूरे हो गए क्या?
हां, हो गए।
ऐसा नहीं है, काम तो अभी चल रहे हैं?
अब व्यक्तिगत काम की जानकारी नहीं भी रहती।
जब काम की जानकारी नहीं तो फिर आपने फाइनल बिल बनाकर चेक कैसे काट दिए?
..कैसे चेक..चेक तो कटते रहते हैं। मुझे जानकारी नहीं, सोमवार को बताऊंगा।
आपने 30 जून को एमबी भरकर पानीपेच ऑफिस में फाइनल चेक काटे हैं, जबकि मौके पर काम चल रहे हैं?
देखिए, कुछ काट दिए और भी कटेंगे। मौके पर काम रेंजर देखता है।
(डीबी स्टार टीम के मौके पर होने की सूचना रेंजर राजेन्द्र सिंह जाखड़ को मिल गई। संभवतया इसी कारण उन्होंने बार-बार फोन करने के बावजूद फोन नहीं उठाया।)
फिर मिसगाइड होने से बेहतर है, मौके पर जाकर बोलूंहेमंतसिंह हापावत, एसीएफ, जयपुर (उत्तर) से सवाल
एफडीपी योजना के अंतर्गत कोटपूतली रेंज में टसकोला और फतहपुरा में बनाए जा रहे एनीकट के काम पूरे हो गए?
(पूरे विश्वास के साथ) हां, काम हो गया था, बिल भी फाइनल कर दिए।
काम पूरा हो भी गया?
हां, काम हो गया, तभी तो बिल फाइनल कर चेक काटे हैं। ऐसा थोड़े ही होता कि काम नहीं हो और बिल फाइनल कर दें।
आपने मौके पर काम देखे हैं क्या?
हां। ..तभी तो बिल फाइनल किए हैं।
मैं कोटपूतली में आपकी साइट पर हूं यहां तो दोनों जगह पर काम जारी हैं और बहुत काम बाकी है?
(सकपकाते हुए) ..वो क्या है, मैं एक बार पहले गया था, सोचा अब तो काम हो गए होंगे?
फिर बिना देखे बिलों पर साइन कैसे कर दिए?
..मैं कल ही मौके पर जाऊंगा और फिर बात करूंगा। फिर मिसगाइड होने से बेहतर है, मौके पर जाकर कोई बात करूं।
मौका दिखवाता हूं
मैं मामले की जानकारी एसडीएम को देकर मौके पर विजिट कराता हूं। उन्हें जगह विशेष की जानकारी नहीं होगी, आप बता दीजिएगा। - कुलदीप रांका, कलेक्टर
काम तो पूरे हो गए हैं
टसकोला और फतहपुरा में एनीकट बनाने के काम पूरे हो गए हैं। इसके बाद ही बिल कटे हैं। - सुमेर सिंह यादव, फोरेस्टर, कोटपूतली रेंज