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इसकी शुरूआत जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान छोटा मवाना में तीन ब्लाक संसाधन केन्द्रों हस्तिनापुर, मवाना व परीक्षितगढ़ के अध्यापकों से की गई। जिसमें 57 अध्यापकों/अध्यापिकाओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रवक्ता इकबाल अहमद ने कहा कि हमें जल को बचाने के सामूहिक प्रयास करने चाहिए तथा बच्चों को पेड़ लगाने, जल की बर्बादी को रोकने के लिए प्रोत्साहित करें जिससे बच्चे पर्यावरण मित्र बन सके। सभी अध्यापक अपने-अपने विद्यालयों को बच्चों के माध्यम से पेड़ हरा-भरा बनायें।
भारत उदय एजुकेशन सोसाइटी के निदेशक संजीव कुमार ने कहा कि पर्यावरण मित्र कार्यक्रम के अंतर्गत पांच विषय जल, कचरा प्रबंधन, उर्जा, जैव विविधता, संस्कृति व धरोहर को बचाने के लिए स्कूली बच्चों के माध्यम से जागरूक किया जाये। जिससे बच्चे अपनी इन प्राचीन धरोहर का संरक्षण कर सके। सभी अध्यापकों ईको होली के विषय में भी बताया गया। जिससे बच्चे रासायनिक रंगों को प्रयोग न कर प्राकृतिक तरीके से तैयार हर्बल कलर का प्रयोग करें।
कार्यक्रम में हमारी संस्कृति और परम्पराओं में जल, जल और स्वास्थ्य, जल और जीवन शैली, जल व जैण्डर, जल की गुणवता तथा त्यौहारों को पर्यावरण के अनुकूल बनाने आदि विषयों को विस्तार से बताया गया। सभी अध्यापकों को शपथ दिलायी गयी कि वे स्वयं भी जल के दुरुपयोग को बचायेंगे तथा स्कूलों में बच्चों को भी जल साक्षर बनायेंगे।