कंडी रोड (लालढांग चिल्लपकल रोड) के निर्माण पर लगाई गई रोक से गुस्साए वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने बिना वन भूमि हस्तांतरण के प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) की सड़कों के निर्माण पर रोक लगा दी है। वन मंत्री ने इस तरह की सड़कों के जांच के निर्देश देते हुए ग्राम्य विकास विभाग से इन सड़कों का ब्योरा तलब किया है।
मंत्री ने वन भूमि हस्तांतरण के लिए केंद्र की सैद्धांतिक मंजूरी के बाद जीओ जारी करने का अधिकार भी शासन से वापस ले लिया है। सचिव स्तर से जारी होने वाले जीओ, अब मंत्री की मंजूरी के बाद जारी होंगे। राज्य में पीएमजीएसवाई की करीब 20 सड़कों का निर्माण वन भूमि हस्तांतरण की फाइनल मंजूरी के बिना कर दिया गया।
“लालढांग-चिल्लरखाल सड़क अवश्य बनेगी। इसके बनने से जनता को सुलभ व सस्ता सफर मिलेगा। बस धैर्य रखने की आवश्यकता है। इस पूरे प्रकरण का परीक्षण किया जा रहा है। - त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री उत्तराखंड”
वन मंत्री ने इस मामले की जांच बैठाते हुए ग्राम्य विकास से ऐसी सभी सड़कों का ब्योरा मांगा है। बताया जा रहा है कि सिर्फ सैद्धांतिक मंजूरी पर इन सड़कों का काम शुरू कर दिया गया। हरक सिंह ने सभी वन संरक्षकों और डीएफओ को बिना फाइनल मंजूरी के सड़कों का निर्माण ना करने देने के भी निर्देश दिए हैं।
वन भूमि हस्तांतरण फाइनल हुए बिना ही प्रदेश में प्रधान पीएमजीएसवाय की सड़कें बनाई जा रही हैं। 20 से ज्यादा सड़कों का ऐसे ही गलत तरीके से निर्माण करा दिया गया। मैंने सभी का ब्योरा तलब किया है। साथ ही सभी वन संरक्षक और डीएफओ को ऐसे निर्माण ना होने देने के निर्देश भी दिए गए हैं। - डॉ हरक सिंह रावत, वन मंत्री
लालढांग-चिल्लरखाल सड़क अवश्य बनेगी। इसके बनने से जनता को सुलभ व सस्ता सफर मिलेगा। बस धैर्य रखने की आवश्यकता है। इस पूरे प्रकरण का परीक्षण किया जा रहा है। - त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री