वो आसमान से मौत बनके बरसेगीः ‘अम्ल वर्षा’

Submitted by Hindi on Thu, 07/21/2011 - 12:25
Source
स्वच्छ सन्देश, 04 जनवरी 2010

लोककथाओं में ही नहीं अनेक किवदंतियों में भी आसमान से ईश्वर का क़हर बरसने के किस्से प्राचीन काल से चले आ रहे हैं। हालाँकि इन कथाओं को हमेशा शक की निगाह से देखा जाता रहा है, लेकिन आज के घोर वैज्ञानिक युग में भी कुछ ऐसे हालात बन रहे हैं, कि लोक कथाओं के वह किस्से हमें सच होने जैसे लग रहे हैं। बढ़ते औद्योगिक प्रदूषण के कारण हमारे वायुमण्डल में 'अम्ल वर्षा' की संभावनाएं प्रबल होती जा रही हैं। यह अम्ल वर्षा किन्हीं मामलों में ईश्वरीय कहर से कम नहीं। यह क्या है और इसके पीछे क्या कारण हैं?

'अम्ल वर्षा' को अंग्रेज़ी में 'acid rain' कहते हैं। जैसा कि नाम से ही लग रहा है कि यह किसी प्रकार की वर्षा है जो अम्लीय होगी। गाड़ी, औद्योगिक उत्पादन आदि के प्रक्रिया के उपरान्त निकली ज़हरीली गैसें (सल्फर-डाई- ऑक्साईड और नाइट्रोज़न ऑक्साईड) जो कि ऊपर बारिश के पानी से मिल कर अम्लीय अवस्था में आ जाती हैं। वह वर्षा जिसके पानी में यह गैस मिल जाती है अम्ल वर्षा कहलाती है।

ज़हरीली गैसों के अम्लीय अवस्था तक का ख़तरनाक सफ़र
(ज़हरीली गैस + जल = अम्ल)
इसका वैज्ञानिक सूत्र इस प्रकार है:-
SO2 + H2O = H2SO4 (Sulfuric Acid)
NOx + H2O = HNOx (Nitric Acid)

निम्न चित्र के माध्यम से हम अम्ल वर्षा को समझ सकते हैं।
अम्ल वर्षा हमारे लिए पर्यावरण सम्बन्धी मौजूदा समस्याओं में से एक सबसे बड़ी समस्या है। यह अदृश्य गैसों से निर्मित होती है जो कि आम तौर पर ऑटोमोबाइल या कोयला या जल विद्धुत संयंत्रों के कारण वातावरण में बनतीं है। यह अत्यंत विनाशकारी होती है।

वैज्ञानिकों ने इसके बारे में सबसे पहले सन 1852 में जाना। एक अंग्रेज वैज्ञानिक रॉबर्ट एग्नस (Robert Agnus) ने अम्ल वर्षा के बारे सबसे पहले इसे परिभाषित किया और इसके कारण और विशेषताओं की व्याख्या की। तब से अब तक, अम्ल वर्षा के वैज्ञानिकों और वैश्विक नीति-निर्माताओं के बीच तीव्र बहस का एक मुद्दा रहा है।

अम्ल वर्षा अति-प्रदूषित इलाक़े में बड़ी दूर तक बड़ी आसानी से फैलती है। यही वजह है कि यह एक वैश्विक प्रदूषण समस्या है। जिसके लिए विभिन्न देश एक दुसरे पर तोहमत लगाते हैं. जबकि कोई भी इसके प्रति उतना गंभीर नहीं है जितनी तेज़ी से यह समस्या बढ़ रही है. पिछले कुछ सालों में विज्ञान ने अम्ल वर्षा के मूलभूत कारणों को जानने की कोशिश कि तो कुछ वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि मानवीय उत्पादन मुख्य रूप से जिम्मेदार है तो वही कुछ वैज्ञानिकों ने इस समस्या का ज़िम्मेदार प्राकृतिक कारणों को माना। वस्तुतः सभी देशों को अम्ल वर्षा के कारणों और उसके दुष्प्रभावों के प्रति सजग रहना होगा।
 

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