इस साल के विश्व जल दिवस का वाक्य है ‘अदृश्य भूजल को दृश्य बनाना’ (Groundwater: making the invisible visible) नीति निर्माताओं, समाज और देश का ध्यान आकर्षित करने और विषय को गंभीरता से लेने के लिए यह बहुत ही उपयुक्त थीम है पर केवल भूजल ही नहीं अपितु सतही और भूजल प्रबंधन, पर चर्चा करना, आज की नहीं वरन सर्वकालिक और सार्वभौमिक आवश्यकता है। उसे समझना और उस पर लगातार काम करना वक्त की आवश्यकता है इसलिए इस शुभ अवसर पर यूसर्क की और से जल स्त्रोतों पर सफाई अभियान चलाया गया
मंगलवार को विश्व जल दिवस के अवसर पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पर्यावरण गतिविधि के प्रहरियों के द्वारा जल स्त्रोतो को लेकर सफाई अभियान चलाया गया। नालापानी में चलाये गए इस अभियान में चन्द्रगुप्त विक्रम का सानिध्य सभी को प्राप्त हुआ। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों से अपने अपने नगर में स्थित जल स्रोतों का स्वच्छता कार्य नियमित रूप से करने को कहा।
महानगर पर्यावरण उत्तरभाग के संयोजक डॉ भवतोष शर्मा ने कहा कि महानगर में हर रविवार चयनित जलस्रोत के आसपास सफाई व स्वच्छता कार्य नियमित रूप से प्रारंभ किया गया है। ऐसा करने से हमारे भूजल रिचार्ज में न केवल वृद्धि होगी बल्कि जल की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा। कार्यक्रम के प्रारंभ में मिलन केन्द्र पर आयोजित विचार गोष्ठी में डॉ भवतोष ने विश्व जल दिवस के आयोजन पर प्रकाश डाला एवम् बताया कि इस बार विश्व जल दिवस "Ground Water: Making Invisible to Visible" थीम पर आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम में सेवा भारती महानगर प्रमुख गिरीश थपलियाल जी ने इस तरह के कार्यों की सराहना करते हुए आम जन को भी पर्यावरण जागरूकता से जोड़ने का आवाहन किया ।कार्यक्रम में तपोवन नगर कार्यवाह संदीप ने कहा कि यदि हम सभी अपने अपने जलस्रोतों का संरक्षण करेंगे तो आने वाले समय में जल की कमी को दूर किया जा सकेगा और सभी को पर्याप्त जल उपलब्ध हो सकेगा।
रायपुर नगर पर्यावरण संयोजक एवम् कचरा उपक्रम प्रमुख डॉक्टर देवेन्द्र नेगी ने बताया कि हर रविवार रायपुर क्षेत्र में जल स्रोत स्वच्छता कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। कार्यक्रम के अंत में संदीप ने कार्यक्रम में आए सभी लोगों को आभार व्यक्त किया गया।कार्यक्रम में कुल 30 पर्यावरण प्रहरियों ने श्रम दान करते हुए नाला पानी जल स्रोत के आस पास से लगभग 50 किलोग्राम कचरा एकत्र किया जिसमें लगभग 25 किलोग्राम प्लास्टिक एवम् पॉलीथीन कचरा भी शामिल था।
आज के जल स्रोत स्वच्छता कार्यक्रम में सूर्य मोहन, आचार्य विपुल बंगवाल, आकाश, गौरव बहुगुणा, कल्याण प्रजापति सहित 30 लोगों ने दून घाटी के नालापानी जल स्रोत की सफाई की। इस कार्य को आस पास के लोगों द्वारा काफी सराहा गया। आस पास के लोगों के पीने के पानी का यह मुख्य स्रोत है जिससे आस पास की बड़ी जनसंख्या लाभन्वित हो रही है।