14 वर्षीय विनीत की बेमिसाल पहल

Submitted by admin on Fri, 10/02/2009 - 09:17
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भागीरथ श्रीवास/ rtihindi.blogspot.com
जहां देश में सूचना कानून के बारे में जानने वाले लोगों की संख्या एकदम सीमित है, वहीं दूसरी तरफ़ विनीत पटेल जैसे बच्चे भी हैं जिन्होंने सूचना के अधिकार को इस्तेमाल कर अधिकारियों के कान खडे़ कर दिए हैं। गुजरात के मेहसाना के विसनगर में रहने वाला विनीत सहजानंद सेकेन्डरी स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ता है। अपने पिता से सूचना के अधिकार के बारे में जानने और चाचा की मदद के बाद विनीत से सूचना के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए अपने क्षेत्र में पीने के पानी और सड़कों के संबंध में आरटीआई आवेदन दाखिल किया।

आवेदन में पूछा कि क्षेत्र में पानी की आपूर्ति इतनी अनियमित क्यों है? साथ ही पानी की लैब रिपोर्ट मांग ली। विनीत ने अधिकारियों से अपने क्षेत्र की सड़कों के संबंध में भी जानकारी मांगी। पूछा कि क्षेत्र में सड़क क्यों नहीं है और अब तक रोड़ के लिए किन्होंने टेंडर दाखिल किए हैं। उनकी हाउसिंग सोसाइटी की सफाई करने वाले सफाईकर्मियों इतनी अधिक छुटि्टयां कौन देता है, यह पूछकर भी विनीत ने अधिकारियों को कटघरे में खड़ा कर दिया।

यह सारे सवाल नागरिक सुविधाओं की बदहाल स्थिति को देखते हुए नगरपालिका के अधिकारियों से किए। स्वयं विनीत को भी इन समस्याओं से आय दिन दो चार होना पड़ता था। सड़कों की खराब स्थिति के कारण स्कूल वैन उनके घर तक नहीं पहुंच पाती थी। इसके लिए उन्हें करीब 500 मीटर पैदल चलकर जाना पड़ता था। मॉनसून के दौरान गलियां कीचड़ से भर जाती थीं जिससे गलियों में चलना बड़ा मुश्किल हो जाता था। आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखने वाले विनीत का कहना है कि वह अपनी सोसाइटी को पक्का रोड और साफ़ पानी की व्यवस्था करने में अपना सर्वोत्तम देंगे।

विनीत के इन्हीं प्रयासों को देखते हुए मुंबई की पब्लिक कन्सर्न फोर गवरनेंस ट्रस्ट ने उन्हें 5 नवंबर को नवलीन अवार्ड से सम्मानित किया। नवलीन अवार्ड जाने माने भूमि अधिकार कार्यकर्ता नवलीन की याद में दिया जाता है जिनकी भू माफियों ने सितंबर 2006 में हत्या कर दी थी। यह अवार्ड व्यक्तिगत और संगठन दो श्रेणियों में दिया जाता है। विनीत को व्यक्तिगत और अहमदाबाद की महति अधिकार गुजरात पहल संस्था को संगठन श्रेणी के तहत यह अवार्ड हासिल हुआ। अवार्ड समारोह में विनीत को अपने पिता की अनुपस्थिति जरूर खली क्योंकि हाल ही में उनका निध्न हुआ है। उन्होंने कहा कि पिता ने आरटीआई आवेदन दाखिल करने में मदद की लेकिन अब वह मेरे साथ कभी नहीं होंगे।

बहरहाल, विनीत पटेल ने सूचना की अधिकार की मदद से जन समस्याओं को उठाने की अपने हम उम्रों के बीच एक अनोखी पहल कर दी है। देश को अभी अनेकों विनीतों की जरूरत है। अब देखना है समाज से कितने और विनीत निकलकर आते हैं।