तिथि- 19-11-2012स्थान- गांधी शांति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली
तरुण भारत संघ ने 19 नवम्बर 2012 को नदी सम्मेलन रखा है। इसमें भारत सरकार के जल संसाधन मंत्री हरीश रावत भी भागीदारी करेंगे। 25 से 28 नवम्बर तक ‘गंगा नदी संसद’ गढ़ मुक्तेश्वर में रखा गया है। इसी संसद में नदी चेतना यात्राओं का निर्धारण किया जाएगा। देशभर की नदियों पर सम्मेलन और शिविर आयोजित होंगे। नदियों में जल प्रवाह बढ़ाने तथा गंदा जल उपचार करके उद्योग एवं खेती में काम लेना है। नदियों के वर्षा जल (शुद्धजल) में गंदा जल नहीं मिलाने वाले विचार को बल दिया जाएगा। भारत सरकार, राज्य सरकारें और नगर निगम तथा पंचायतें इस सिद्धांत का पालन करें। ऐसा विचार-प्रचार किया जाएगा।
नदी घाटियों में जलग्रहण संरक्षण करके भूजल-अधो भूजल पुर्नभरण होने से नदियों में जल प्रवाह बढ़ेगा। नदी के जल प्रवाह में गंदा जल नहीं मिलने से नदियां शुद्ध-सदानीरा बन जाएंगी। अतः वर्षा जल सहेजना, भूजल अनुशासित होकर उपयोग करना, गंदा जल नदी में नहीं मिलने देना ही नदी पुनर्जीवन प्रक्रिया है। नदी पुनर्जीवन प्रक्रिया तेज करने वाली चेतना जगाने का कार्य हम 19 नवम्बर को नदी दिवस मनाकर करेंगे। भारत सरकार और राज्य सरकारें इसे आगे बढ़ाएगी। अतः राज और समाज को नदियों से जोड़कर नदी पुनर्जीवन अभियान चलाया जाएगा। इस वर्ष पूरा साल तरुण भारत संघ इसी कार्य को देश भर में करेगा।
संपर्क
मोलिक शिशोदिया
निदेशक
तरुण भारत संघ
फोन नं. 09829217788, 09414066765
तरुण भारत संघ ने 19 नवम्बर 2012 को नदी सम्मेलन रखा है। इसमें भारत सरकार के जल संसाधन मंत्री हरीश रावत भी भागीदारी करेंगे। 25 से 28 नवम्बर तक ‘गंगा नदी संसद’ गढ़ मुक्तेश्वर में रखा गया है। इसी संसद में नदी चेतना यात्राओं का निर्धारण किया जाएगा। देशभर की नदियों पर सम्मेलन और शिविर आयोजित होंगे। नदियों में जल प्रवाह बढ़ाने तथा गंदा जल उपचार करके उद्योग एवं खेती में काम लेना है। नदियों के वर्षा जल (शुद्धजल) में गंदा जल नहीं मिलाने वाले विचार को बल दिया जाएगा। भारत सरकार, राज्य सरकारें और नगर निगम तथा पंचायतें इस सिद्धांत का पालन करें। ऐसा विचार-प्रचार किया जाएगा।
नदी घाटियों में जलग्रहण संरक्षण करके भूजल-अधो भूजल पुर्नभरण होने से नदियों में जल प्रवाह बढ़ेगा। नदी के जल प्रवाह में गंदा जल नहीं मिलने से नदियां शुद्ध-सदानीरा बन जाएंगी। अतः वर्षा जल सहेजना, भूजल अनुशासित होकर उपयोग करना, गंदा जल नदी में नहीं मिलने देना ही नदी पुनर्जीवन प्रक्रिया है। नदी पुनर्जीवन प्रक्रिया तेज करने वाली चेतना जगाने का कार्य हम 19 नवम्बर को नदी दिवस मनाकर करेंगे। भारत सरकार और राज्य सरकारें इसे आगे बढ़ाएगी। अतः राज और समाज को नदियों से जोड़कर नदी पुनर्जीवन अभियान चलाया जाएगा। इस वर्ष पूरा साल तरुण भारत संघ इसी कार्य को देश भर में करेगा।
संपर्क
मोलिक शिशोदिया
निदेशक
तरुण भारत संघ
फोन नं. 09829217788, 09414066765