अनुरेखक तनुकरण विधि का उपयोग करते हुये तीसता नदी का निस्सरण मापन

Submitted by Hindi on Thu, 03/29/2012 - 16:40
Source
राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान
पर्वतीय नदियों/धाराओं की उच्च विपलव तथा घूमाव प्रवृत्ति के कारण उनके निस्सरण मापन के लिए रसायन एवं रंजक का प्रयोग कते हुये कुछ निश्चित सीमाओं के साथ अनुरेखक मिलाने की तकनीक का उपयोग किया जा सकता है। पर्वतीय क्षेत्रों में रेडियो धर्मी अनुरेखकों अधिक प्रभावी माने जाते हैं क्योंकि ये नदियों के निस्सरण के सम्बंध में यथार्थ अन्वेषण करने में सहायक होते हैं।

तीस्ता सिक्किम राज्य की सबसे बड़ी नदी है जिसकी जल विद्युत उर्जा उत्पादन क्षमता कापु अधिक है। तीस्ता नदी के निस्सरण मापन केलिए ब्रोमीन-82, ट्रिशियम तथा पोटेशियम आयोडाइड का रेडियोधर्मी एवं रसायनिक अनुरेखकों के रूप में उपयोग किया गया। फ्लोट का उपयोग करते हुये पारम्परिक विधि का भी उपयोग किया गया जिससे विधियों की तुलना की जा सके।

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