बैल बगौधा निरघिन जोय

Submitted by Hindi on Thu, 03/25/2010 - 11:27
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घाघ और भड्डरी

बैल बगौधा निरघिन जोय।
वा घर ओरहन कबहुँ न होय।।


भावार्थ- जिस किसान के पास बगौधा (घन का पाला) बैल हो और फूहड़-घिनौनी सुशीला पत्नी हो, उसके घर उलाहना कभी नहीं आता।