बैल मरकहा चमकुल जोय

Submitted by Hindi on Thu, 03/25/2010 - 10:38
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घाघ और भड्डरी

बैल मरकहा चमकुल जोय।
वा घर ओरहन नित उठि होय।।


भावार्थ- जिस किसान का बैल मारने वाला हो और स्त्री चटक-मटक वाली चंचलहो, उसे सदैव उलाहना मिलता है।