बाली

Submitted by Hindi on Mon, 12/27/2010 - 14:13
बाली 1. द्वीप, स्थिति : 8 डिग्री 20फ़ उ. अ. तथा 115 डिग्री 0फ़ पू. दे.। यह हिंदेशिया का एक द्वीप एवं प्रांत है जो पश्चिम में बाली जलसंयोजक द्वारा जावा से तथा लॉम्बॉक जलसंयोजक द्वारा लॉम्बॉक से विभक्त है। सन् 1597 में एक डच नाविक ने इसका पता लगाया था। यह यव द्वीप के पूर्व में बाली सागर तथा हिंद महासागर के बीच में स्थित है। यह लगभग 93 मील लंबा तथा 57 मील चौड़ा है। इसका क्षेत्रफल 2,905 वर्ग मील है। इस द्वीप के मध्यवर्ती भाग में ज्वालामुखी पर्वतों से संबंधित बहुत सी झीलें तथा पर्वतों की चोटियाँ हैं। इसके उत्तरी तथा दक्षिणी निचले भागों में उपजाऊ मिट्टी पाई जाती है। बाली द्वीप के पश्चिमी भाग में जनसंख्या कम है। तटरेखा अच्छी न होने के कारण यहाँ पर अच्छे बंदरगाह नहीं हैं। लोगों का मुख्य उद्यम मछली पकड़ना तथा कृषि करना है। धान, नारियल, कहवा तथा तंबाकू यहाँ की मुख्य फसलें हैं। किसी समय हिंदू संस्कृति यहाँ पर पूर्ण उन्नति पर थी। अब भी जनता रामलीला पूर्णं उत्साह के साथ करती है। यहाँ की राजधानी तथा मुख्य नगर सिंगाराजा है।

(शिवमंगल सिंह)
2. नगर, स्थिति : 22 डिग्री 39फ़ उ. अ. तथा 88 डिग्री 21फ़ पू. दे.। यह भारत में पश्चिमी बंगाल के हावड़ा जिले में हुगली नदी के दाएँ किनारे पर, कलकत्ता से लगभग तीन मील उत्तर, स्थित एक प्रसिद्ध एवं धनी नगर है। यह विलिंगटन पुल के पश्चिमी सिरे के पास स्थित है, जो हुगली को पार करता है। यह एक औद्योगिक नगर है जहाँ कई वर्कशॉप तथा छोटे छोटे कारखाने हैं जिनमें कागज बनाना प्रमुख हैं। द्वितीय विश्व महायुद्ध में दक्षिण-पूर्व एशिया कमान का फोटो टोह केंद्र तथा संयुक्त राज्य का वायु कोर का आठवाँ फोटोग्रुप स्टेशन यहीं था। रेलों एवं सड़कों में इसने काफी उन्नति कर ली है।