बंजर बनाया तीर्थ, तीरथ पटेल ने

Submitted by admin on Tue, 11/12/2013 - 16:45

11 नवम्बर 2013, ग्राम नादिया महूना, पटेरा, दमोह। तीरथ पटेल मूलरूप से जबलपुर के पाटन के प्रवासी हैं। लगभग 6 वर्ष पूर्व वे पाटन से नादिया-महूना में आए। और खेती के लिए जमीन खरीदी, जिस क्षेत्र में जमीन ली, वहां सिचाई हेतु पानी की पर्याप्ततीरथ पटेल के तालाब पर शंकर गौतमतीरथ पटेल के तालाब पर शंकर गौतम
सुविधा नहीं थी। साथ ही जलस्तर बहुत नीचे होने से पानी के साधन जैसे कुआं, बोर आदि सफल नहीं हुये। इन्होंने लगभग 9 बोरवेल पानी की खोज में कराए, पर पानी नहीं मिला, पानी की खोज में 900-1000 फीट गहराई तक के बोरवेल खोदे गये, एक-आध इंच पानी ही मिला, जो सिंचाई हेतु पर्याप्त नहीं था।

अपना हौशला बुलंद रखते हुये इन्होंने सिंचाई हेतु पानी की व्यवस्था करने का संकल्प लिया और अपने अनुभव व मित्रों की सलाह पर पानी की उचित एवं पर्याप्त सुविधा के लिए निर्णय लिया ‘‘तालाब बनाने का ‘‘।

इन्होंने माह फरवरी 2011 में अपने निजी साधनों से तालाब खोदना आरंभ किया एवं धीरे-धीरे किराये के साधनों का उपयोग कर जून 2011 तक लगभग 10 एकड़ में 25 फीट गहराई का तालाब बनाया, अपने साधनों के खर्च का तो कोई हिसाब ही नहीं लगाया, बावजूद इसके 30 लाख रुपये से ज्यादा का खर्च आया।

2011 के मानसून में तालाब पूरा भरा, आशा की एक किरण जगी और सिंचाई से खेती में दोगुने से अधिक फायदा हुआ।

निर्णय लिया गया तालाब को ओर गहरा करने का, ताकि सिंचाई क्षमता बढ़े और वर्ष 2012 में पुनः तालाब गहराई का काम शुरू हुआ, जून 2012 के अंत तक तालाब को 30 से 40 फीट गहरा किया गया। एक विशाल तालाब का निर्माण हुआ।

साथ ही सीपेज कम होने से तालाब का संपूर्ण पानी उपयोगी बना एवं आस-पास के छोटे-छोटे किसानों जिनका सिंचाई साधन कुएं थे, जो तालाब निर्माण के पूर्व सूखे पड़े थे आज तालाब निर्माण से उन कुओं में भी पर्याप्त पानी है, जिनसे सिंचाई भी हो रही है। इस प्रकार एक तालाब निर्माण से एक समूचा क्षेत्र विकास की राह पर चल पड़ा, साथ ही अच्छी फसल से चारों ओर हरियाली एवं खुशहाली का माहौल बना है। लोग दूर-दूर से देखने आते हैं तीरथ पटेल के तालाब को।

तीरथ पटेल ने चर्चा में बताया कि आज वे बहुत खुश हैं एवं खेती से खूब फायदा ले रहे हैं। साथ ही गन्ने की खेती शुरू की है। पहले वे मुश्किल से पांच लाख की फसल बेच पाते थे, अब वे 30 लाख से अधिक की फसल बेच लेते हैं।

क्षेत्र में केवल एक-दो बड़े तालाब हैं और कृषि क्षेत्रफल अधिक है साथ ही पानी का स्तर बहुत नीचे होने के कारण समूचा क्षेत्र सिंचाईविहीन है, जिससे किसानों को खेती से फायदा कम नुकसान ज्यादा हो रहा है, जो एक समस्या है।

जल समस्या के निदान हेतु किसानों को तालाब निर्माण करने की सलाह देकर, तालाब से होने वाले फायदों से अवगत कराना अतिआवश्यक है इस कार्य में भी तीरथ पटेल ने आश्वासन दिया कि वह पूरा सहयोग करेंगे एवं किसानों को तालाब निर्माण करने के लिए प्रेरित करेगें।

संपर्क:-
तीरथ पटेल, ग्राम नादिया महूना, विकासखंड पटेरा, जिला-दमोह,
मोबाइल-8223015643, 9981755254