09 दिसम्बर 2013 ग्राम नोहटा-नयांगांव, ब्लॉक जबेरा, दमोह। रामनारायण रावत जो नयांगांव कुलुआ में अपनी निजी 5 एकड़ भूमि पर खेती करते हैं। उनने बताया कि वर्ष 2008-09 में बलराम तालाब योजना से अपनी लगभग एक एकड़ भूमि पर तालाब निर्माण कराया, तालाब 6 फीट गहरा हुआ, और कड़े पत्थर के रूप में समस्या खड़ी हो गई। जैसे तैसे मशीनों का उपयोग कर पत्थर को तोड़कर तालाब की गहराई एक फीट और बढ़ाई गई और तालाब 7 फीट गहरा किया जिसमें लगभग एक लाख सोलह हजार रुपयेंका व्यय हुआ।
रामनारायण बताते है कि योजनांतर्गत 80 हजार रूपयें मिलना थे परंतु 40 हजार ही प्राप्त हुये। कारण था पत्थर। 6 फीट के बाद पत्थर आ जाने से कारण 9 फीट नहीं खुद पाया जिससे मानक नहीं पूरा हुआ।
रामनारायण अपनी भूमि पर धान एवं चना की खेती करते है, तालाब से एक बार धान व एक बार चना की सिंचाई हो पाती है, धान की फसल तो अच्छी आती है, परंतु चना की फसल के लिए पर्याप्त पानी न होने के कारण फसल संतोषजनक नहीं आती, पहले की अपेक्षा फसल में मात्र 5-6 क्विंटल की बढ़ोत्तरी हुई है।
तालाब को और गहरा कराना चाहते हैं, जिससे चना की फसल हेतु दो पानी मिल सके और पैदावार बढ़ सके।
समस्या लागत की- रामनारायण कहते हैं कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण तालाब को और गहरा नहीं कर सकता, छोटी सी खेती मे परिवार का भरण-पोषण ठीक से नहीं हो पाता,फिर तालाब में कहां से पैसा लगायें।
इच्छा आर्थिक सहायता की - एक ओर तो शासन ने आधा पैसा दिया, दूसरी ओर स्वयं के पास जमा पूंजी (लगभग 1 लाख) जो तालाब निर्माण में खर्च की जा चुकी है, रामनारायण कहते है यदि कहीं से आर्थिक सहायता प्राप्त हो जाये, तो तालाब और गहरा हो सकता है जिससे पानी की भंडारण क्षमता अधिक हो जाए, तो खेती और अच्छी हो सकती है एवं मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार आ सकता है।
संपर्क
रामनारायण रावत
नयागांव (कुलुवा), जवेरा, दमोह, म.प्र., फोन. 09993182942