बोली लोखरि फूली काँस

Submitted by Hindi on Sat, 03/20/2010 - 11:28
Author
घाघ और भड्डरी

बोली लोखरि फूली काँस।
अब नाहिंन बरखा कै आस।।


भावार्थ- यदि लोमड़ी बोलने लगे और कांस फूलने लगे तो समझ लेना चाहिए कि अब वर्षा की कोई आशा नहीं है।