बोवै बजरा आये पुक्ख

Submitted by Hindi on Tue, 03/23/2010 - 12:13
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घाघ और भड्डरी

बोवै बजरा आये पुक्ख।
फिर मन कैसे पावै सुक्ख।।


शब्दार्थ- सुक्ख-सुख।

भावार्थ- यदि कोई कृषक पुष्य नक्षत्र लगने पर बाजरा बोता है तो उसकी पैदावार न के बराबर होगी और उसे सुख की प्राप्ति नहीं होगी।