वायुदाबलेख
वायुदाबआलेख (Barogram) वायुदाबआलेखी द्वारा अंकित वह वायुदाब है जो समदाब-रेखाओं में अंकित रहता है। समवायुदाब वाले स्थानों की मिलानेवाली रेखाओं को ही समदाब-रेखाएँ (Isobars) कहा जाता है। इन्हें दाबआलेख चित्रों पर प्रदर्शित करने से पहले सभी स्थानों के वायुदाबों को स्थानों की ऊँचाई, ताप तथा स्थिति के आधार पर शुद्ध कर लिया जाता है। यह सर्वविदित है कि ऊँचाई के क्रमश: बढ़ने पर वायुदाब कम होती जाती है। इसी तरह इसके ऊपर ताप का भी प्रभाव पड़ता है। विभिन्न स्थानों की दूरी में अंतर होने के कारण वायुदाब में अंतर पड़ता है, अत: इस त्रुटि को दूर करने के लिए 45 अक्षांश रेखा पर पाई जानेवाली वायुदाब प्रामाणिक मानी जाती है। इन कसौटियों पर कस लेने के पश्चात् ही वायुदाब विषयक लेखाचित्रों का अंकन किया जाता है।
ये चित्र आँधी, शुष्क वायु, निर्मल गगन, बादल की अधिकता तथा वर्षा की संभावनाओं के द्योतक होते हैं। ये संभावनाएँ समदाबरेखाओं की विभिन्न आकृतियों के ऊपर निर्भर होती हैं जैसे अगर समदाब रेखाएँ अत्यधिक निकट होती हैं, तो वे तेज आँधी की द्योतक होती हैं, अथवा यदि वे एक दूसरे से दूर दूर होती हैं,(विजयराम सिंह)
बैरोग्राफ द्वारा तैयार किया गया वायुमंडलीय दाव का एक सतत अभिलेख (record)।