ऋतु
पृथ्वी के परिभ्रमण-कक्षा पर अक्ष-झुकाव तथा सूर्य के चारों ओर घूमने के कारण उत्पन्न जलवायु की विशिष्ट अवधियाँ जो एक वर्ष में होती हैं, और जिनका विभाजन सौर विकिरण की अवधि एवं तीव्रता, दैनिक प्रकाश एवं ताप आदि जलवायवी दशाओं में परिवर्तनों के आधार पर किया जाता है। शीतोष्ण प्रदेशों में तीन मास की अवधि की चार ऋतुएँ होती हैं, जैसे उत्तरी गोलार्द्ध में मार्च, अप्रैल तथा मई की बसंत ऋतु, जून, जुलाई तथा अगस्त की ग्रीष्म, सितम्बर, अक्तूबर तथा नवम्बर की शरद और दिसम्बर, जनवरी तथा फरवरी की शीत ऋतु। दक्षिणी गोलार्द्ध में ऋतुएँ इनके बिल्कुल विपरीत होती हैं।
पृथ्वी के परिभ्रमण-कक्षा पर अक्ष-झुकाव तथा सूर्य के चारों ओर घूमने के कारण उत्पन्न जलवायु की विशिष्ट अवधियाँ जो एक वर्ष में होती हैं, और जिनका विभाजन सौर विकिरण की अवधि एवं तीव्रता, दैनिक प्रकाश एवं ताप आदि जलवायवी दशाओं में परिवर्तनों के आधार पर किया जाता है। शीतोष्ण प्रदेशों में तीन मास की अवधि की चार ऋतुएँ होती हैं, जैसे उत्तरी गोलार्द्ध में मार्च, अप्रैल तथा मई की बसंत ऋतु, जून, जुलाई तथा अगस्त की ग्रीष्म, सितम्बर, अक्तूबर तथा नवम्बर की शरद और दिसम्बर, जनवरी तथा फरवरी की शीत ऋतु। दक्षिणी गोलार्द्ध में ऋतुएँ इनके बिल्कुल विपरीत होती हैं।