भारत 2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टेयर बंजर भूमि को बहाल करेगा: पीएम मोदी

Submitted by Shivendra on Wed, 06/16/2021 - 14:24
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पीएमओ इंडिया

भारत 2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टेयर बंजर भूमि को बहाल करेगा: पीएम मोदी,Source:पीएमओ इंडिया,फोटो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 जून को संयुक्त राष्ट्र की अहम मीटिंग को वर्चुअली संबोधित किया। बंजर होती जमीन और  सूखे के हालत पर हुए इस उच्चस्तरीय संवाद में प्रधानमंत्री ने कहा कि  भारत 2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टेयर खराब भूमि को सुधारेगा और साथ ही विकासशील देशों को भूमि-बहाली की रणनीति विकसित करने की मदद करने की दिशा में काम कर रहा है।भूमि क्षरण आज दुनिया के दो-तिहाई हिस्से को प्रभावित करता है, अगर इसे नियंत्रित नही किया गया, तो वह दिन दूर नही जब हमारा  समाज, अर्थव्यवस्था, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और जीवन की गुणवत्ता की नींव नष्ट हो जाएगी।

"इसलिए, हमें भूमि और उसके संसाधनों पर हो रहे अधिक  दबाव को कम करना होगा।स्पष्ट रूप से,आगे हमारे पास  बहुत काम है लेकिन हम इसे कर सकते हैं। हम इसे एक साथ कर सकते हैं," 

उन्होंने भारत के अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भूमि-क्षरण के मुद्दों को उजागर करने का जिक्र किया और यह भी  बताया कि 2019 के "दिल्ली घोषणापत्र" में   उन्होंने भूमि पर बेहतर पहुंच और प्रबंधन का आह्वान किया और लिंग-संवेदनशील परिवर्तनकारी परियोजनाओं पर भी जोर दिया। इस दौरान प्रधानमत्री ने कहा  

भारत में, पिछले 10 वर्षों में, लगभग 30 लाख  हेक्टेयर वन क्षेत्र जोड़ा गया है। इसने संयुक्त वन क्षेत्र को देश के कुल क्षेत्रफल का लगभग एक-चौथाई तक बढ़ा दिया है। "हम भूमि क्षरण तटस्थता की अपनी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को प्राप्त करने के लिए ट्रैक पर हैं। हम 2030 तक 26 मिलियन (2.6 करोड़) हेक्टेयर खराब भूमि को बहाल करने की दिशा में भी काम कर रहे हैं।  यह 2.5 से 3 बिलियन (250 से 300 करोड़) टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर अतिरिक्त कार्बन सिंक हासिल करने की भारत की प्रतिबद्धता में योगदान देगा।हम मानते हैं कि भूमि की बहाली अच्छे मिट्टी के स्वास्थ्य, भूमि उत्पादकता में वृद्धि, खाद्य सुरक्षा और बेहतर आजीविका के लिए एक बार इसे शुरू कर सकती है।यह देखते हुए कि भूमि क्षरण विकासशील दुनिया के लिए एक विशेष चुनौती है,

पीएम मोदी ने कहा कि दक्षिण-दक्षिण सहयोग की भावना में, भारत साथ ही  विकासशील देशों को भूमि-पुनर्स्थापन रणनीति विकसित करने में सहायता कर रहा है।उन्होंने भूमि क्षरण के मुद्दों के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए देश में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की बात भी  कही।  पीएम मोदी ने कहा,

"मानव गतिविधि के कारण भूमि को हुए नुकसान को उलटना मानव जाति की सामूहिक जिम्मेदारी है। हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ ग्रह छोड़ना हमारा पवित्र कर्तव्य है।"