मध्य प्रदेश में 42 लाख हेक्टेयर जमीन सरकारी रिकाॅर्ड से गायब

Submitted by Shivendra on Tue, 11/19/2019 - 16:19

फोटो - nai duniya

संसद में नियम व कानून बनने के बाद जब उसे लागू किया जाता है तो कानून का नियमित रूप से पालन करवाना प्रशासन का काम होता है। इसके लिए विभिन्न विभागों में भिन्न-भिन्न अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती होती है। किसी भी जिले में प्रशासनिक व्यवस्था को बनाए रखना जिलाधिकारी और कानून व्यवस्था को बनाए रखना एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक) की जिम्मेदारी होती है। जिलाधिकारी के अंतर्गत ही शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई, नगर निगम, तहसील सहित समस्त विभाग आते हैं। यूं तो नगर निगम की जिम्मेदारी मुख्य रूप से मेयर और नगर आयुक्त, तहसील की तहसीलदार और एसडीएम। इसी प्रकार हर विभाग के लिए एक मुख्य अधिकारी नियुक्त होता है, जिसके जिम्मे अपने विभाग की पूरी जिम्मेदारी होती है। हालाकि विकास कार्यों के लिए मुख्य विकास अधिकारी, शिक्षा के लिए मुख्य शिक्षाधिकारी, स्वास्थ्य के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी, खाद्य आपूर्ति के लिए जिला पूर्ति अधिकारी आदि जिम्मेदार होते हैं। जिलाधिकारी इन सभी से किसी भी वक्त अपने अपने कार्यों की रिपोर्ट तलब कर सकते हैं। यही रिपोर्ट जिलाधिकारी राज्य स्तर पर बैठे अपने वरिष्ठ अधिकारी को तलब करते हैं। लेकिन इन अधिकारियों से संबंधित विभागों के मंत्री कभी भी कार्य की जानकारी मांग सकते हैं। यानी कि हर कार्य के लिए अधिकारी और कर्मचारियों की जिम्मेदारी निर्धारित होती है। लेकिन जब स्थानीय, जिला और प्रदेश स्तर पर अधिकारी व कर्मचारी और मंत्री ठीक प्रकार व सत्यनिष्ठा से कार्य न करें तो इसका भारी नुकसान उठाना पड़ता है। यदि बात भूमि से संबंधित हो तो पर्यावरण को भी भारी क्षति पहुंचने की संभावना बनी रहती है। ऐसा ही कुछ मध्यप्रदेश में हुआ, जहां अधिकारियों और मंत्रियों की लापरवाही अथवा सांठगांठ से 42 लाख हेक्टेयर जमीन सरकारी रिकाॅर्ड से गायब हो गई है। 

नई दुनिया में छपी खबर के अनुसार मध्य प्रदेश के राजस्व विभाग ने हाल में एक पत्र जारी किया है। जिसमें प्रदेश भर में करीब 42 लाख हेक्टेयर और भोपाल में 65 हजार हेक्टेयर जमीन सरकारी रिकाॅर्ड से गायब होने की बात कही गई है। सरकारी रिकाॅर्ड से जमीन गायब होने का ये पूरा मामला वर्ष 1980 से 2000 के बीच का बताया जा रहा है, जिसमें शहडोल, सीधी, शिवपुरी, बालाघाटा और छिंदवाड़ा में सबसे ज्यादा जमीन गायब हुई है। यहां वर्ष 1980 से 2000 के बीच दो लाख हेक्टेयर से लेकर पांच लाख हेक्टेयर तक जमीन का रिकाॅर्ड नहीं मिल पा रहा है। शहडोल की बात करें तो वर्ष 1980 से पहले यहां सरकारी जमीन करीब 13 लाख 55 हजार 066 हेक्टेयर थी, जो वर्ष 2000 में घटकर मात्र 6 लाख 44 हजार 964 हेक्टेयर ही रह गई है। यानी कि 5 लाख 41 हजार 042 हेक्टेयर जमीन का ही सरकारी रिकाॅर्ड उपलब्ध है। सीधी में 3 लाख 62 हजार 030 हेक्टेयर, शिवपुरी में 3 लाख 12 हजार 200 हेक्टेयर, बालाघाट में 2 लाख 28 हजार 322 हेक्टेयर, छिंदवाड़ा में 2 लाख 16 हजार 560 हेक्टेयर और सतना में 2 लाख 3 हजार 485 हेक्टेयर सरकार जमीन गायब है। हालाकि सागर में 407 हेक्टेयर, उज्जैन में 663 हेक्टेयर और देवास में 985 हेक्टेयर जमीन गायब है, जबकि होशंगाबाद और विदिशा में जमीन का रिकाॅर्ड सही पाया गया है। 

जमीन गायब होने के पूरे मामले ने शासन और प्रशासनिक गलियारे में खलबली मचा दी है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि अधिकारियों ने मोटी रकम लेकर जमीन भू-माफियाओं को बेच दी है या फिर इसमें सरकार की मिलीभगत का ही खेल है। ये भी सवाल उठ रहे हैं कि ये जमीन कहीं निजी तो नहीं हो गई ?, किसे लाभ या हानि पहुंचाने के लिए जमीन गायब की गई, जमीन गायब होने की वजह और आखिर रिकाॅर्ड से जमीन गायब किसने की ? इस प्रकार के कई प्रश्न और जो आजकल मध्यप्रदेश में सत्ता और प्रशासनिक गलियारे में गूंज रहे हैं। साथ ही जमीनों के रिकार्ड को लेकर 20 वर्षों से गहरी नींद में सोए प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी इसने सवाल खड़े कर दिए हैं। हालाकि जमीन गायब होने का पता लगाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। सभी जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखा गया है। कलेक्टरों से सभी तहसीलदारों को दस दिन के अंदर गायब हुए जमीन के रिकाॅर्ड का पता लगाने का आदेश दिया है। अब देखना ये होगा कि ये मामला सुलझना है या फिर जमीन की तरह ही मुद्दा भी सत्ता और प्रशासनिक गलियारे से गायब हो जाता है। हालाकि प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी का कहना है कि जमीन गायब नहीं हुई है। रिकाॅर्ड खंगाला जा रहा है।

आंकड़े

शहर 1980 में जमीन 2000 में जमीन

     गायब जमीन

शहडोल 1355066 644964 541042
सीधी 1039194 677164 362030
शिवपुरी 1017348 705146 312200
बालाघाट 658808 430285 228322
छिंदवाड़ा 1013405 795745 216560
सतना 742432 538947 203485
होशंगाबाद 745842 745842 0
विदिशा 730197

730197

0
सागर 831552 831145 407
देवास 496258 495270 988
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