भूमध्यरेखीय वर्षाप्रचुर वन (Equatorial rain forest)

Submitted by Hindi on Tue, 05/10/2011 - 13:08
भूमध्य रेखा के दोनों ओर सामान्यतः 100उ से 100 द अक्षांशों के मध्य पाये जाने वाले सदापर्णी चोड़ी पत्ती वाले वन जो सघन तथा ऊँचे वृक्षों वाले होते हैं। वर्ष भर उच्च आर्द्रता, उच्च तापमान तथा अधिक वर्षा के कारण यहाँ सघन तथा ऊँचे वृक्ष पाये जाते हैं। पेड़ों की ऊँचाई 60 से 120 मीटर तक पायी जाती है। इन वनों में एक ही साथ विविध प्रकार के वृक्ष उगते हैं तथा वृक्षों पर सघन लताएं लिपटी रहती हैं जिससे सूर्य प्रकाश प्रायः भूमि तक नहीं पहुँच पाता है। इस वन को सेल्वा (selva) भी कहते हैं। इन वनों में उगने वाले वृक्षों की लकड़ियां कठोर तथा टिकाऊ होती है। यहाँ उगने वाले वृक्षों में महोगनी, सिनकोना, रोजउड़, चंदन, बांस आदि प्रमुख हैं। इस प्रकार के वन आमेजन बेसिन (दक्षिण अमेरिका), कांगों बेसिन तथा गिनीतट (अफ्रीका) और हिन्देशिया, मलेशिया तथा न्यूगिनी (एशिया) में पाये जाते हैं।

अन्य स्रोतों से

Equatorial forest in Hindi (भूमध्यरेखीय वन, विषुवतीय वन)


भूमध्यरेखा के लगभग 10 उत्तरी तथा 10 दक्षिणी अक्षांशों के मध्य, उच्च तापमान तथा नियत वर्षा के परिणामस्वरूप पाये जाने वाले सदाबहार घने वन जो भूमध्यरेखीय वर्षावन भी कहलाते हैं। उदाहरणार्थ-अमेजन तथा कांगो बेसिनों के घने जंगल।

वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
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