भूविज्ञान (Geology)

Submitted by Hindi on Mon, 04/12/2010 - 09:47

भूविज्ञानः
वह विज्ञान जिसमें पृथ्वी की उत्पत्ति, संरचना तथा उसके संघटन एवं शैलों द्वारा व्यक्त उसके इतिहास की विवेचना की जाती है। यह विज्ञान उन प्रक्रमों पर भी प्रकाश डालता है जिनसे शैलों में परिवर्तन आते रहते हैं।इसमें अभिनव जीवों के साथ प्रागैतिहासिक जीवों का संबंध तथा उनकी उत्पत्ति और उनके विकास का अध्ययन भी सम्मिलित है। इस विज्ञान के अनेक उपविभाग हैं जिसमें से निम्नलिखित अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं- ऐतिहासिक भूविज्ञान, भौतिक भूविज्ञान, आर्थिक भूविज्ञान, संरचनात्मक भूविज्ञान, खनिज विज्ञान, खनन भूविज्ञान, भूआकृति विज्ञान, शैल वर्णना, शैल विज्ञान, ज्वालामुखी विज्ञान, स्तरिक भूविज्ञान एवं जीवाश्म विज्ञान।

पृथ्वी के संगठन, संरचना तथा इतिहास का वैज्ञानिक अध्ययन। इसके अंतर्गत पृथ्वी के संघटक पदार्थों, उन पर क्रियाशील शक्तियों तथा उनसे उत्पन्न संरचनाओं, भूपटल की शैलों के वितरण, पृथ्वी के इतिहास (भूवैज्ञानिक कालों) आदि के अध्ययन को सम्मिलित किया जाता है। भूविज्ञान को दो प्रमुख वर्गों में विभक्त किया जाता है-1. भौतिक भूविज्ञान या गत्यात्मक भूविज्ञान (Physical geology or dynamical geology), और 2. ऐतिहासिक भूविज्ञान (historical geology)। भौतिक भूविज्ञान के अंतर्गत खनिज विज्ञान (mineralogy), मृदा विज्ञान (pedology), संरचनात्मक भूविज्ञान (structural geology) और भूआकृतिक विज्ञान (physiography) सम्मिलित हैं। ऐतिहासिक भूविज्ञान में स्तरित शैल विज्ञान (stratigraphy), जीवाश्म विज्ञान (palaeontology) तथा पुराभूगोल (palaeogeography) को सम्मिलित किया जाता है।