चंद्रग्रहण (lunar eclipse)

Submitted by Hindi on Wed, 05/04/2011 - 12:04
पूर्णिमा (full moon) को जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी की स्थिति होती है, पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है जिससे चंद्रमा का छाया वाला (कुछ या संपूर्ण भाग) अंधकारमय रहता है और पृथ्वी से नहीं दिखाई पड़ता है। इसे चंद्रग्रहण कहते हैं। जब पृथ्वी की छाया समस्त सम्मुख भाग पर पड़ती है और चंद्रमा का सम्पूर्ण भाग अंधकारमय हो जाता है, पूर्ण ग्रहण (total eclipse) होता है। किन्तु जब चंद्रमा का कुछ ही भाग छाया में होता है, उसका उतना अंधकारमय भाग चाप के आकार में कटा हुआ दिखाई पड़ता है। इसे खंड ग्रहण या आंशिक ग्रहण (partial eclipse) कहते हैं।
चन्द्रमा की कक्षा पृथ्वी की कक्षा से 50 झुकी हुई है जिसके कारण प्रत्येक पूर्णिमा को चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक सरल रेखा में नहीं हो पाते हैं किन्तु जब कभी ये तीनों एक सरल रेखा (सीधाई) में आते हैं,पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और चंद्रग्रहण दिखाई पड़ता है। जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य बिल्कुल सीध (सरल रेखा) में होते हैं, पूर्ण चंद्रग्रहण होता है किन्तु जब चंद्रमा की स्थिति सूर्य और पृथ्वी को मिलाने वाली सरल रेखा के समीप होती है, आंशिक ग्रहण होता है।

अन्य स्रोतों से

Lunar eclipse in Hindi (चँद्र ग्रहण)


चंद्रमा के प्रकाश की अल्पदृश्यता, जिसका आभास उस समय होता है, जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच से गुजरती है और उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ती है। ऐसा केवल पूर्णमासी के दिन ही होता है, जबकि चंद्रमा सूर्य के सम्मुख होता है। परंतु यह घटना प्रत्येक पूर्णमासी के दिन नहीं घटती, क्योंकि चंद्रमा की कक्षा क्रांतिवृत्त के तल में नहीं होती, बल्कि उस पर 5 डिग्री झुकी रहती है। यदि चंद्रमा पूर्ण रूप से धूमिल हो जाता है, तो पूर्ण ग्रहण होता है, और यदि आंशिक रूप से धूमिल होता है, तो आंसिक ग्रहण होता है। चंद्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण की अपेक्षा कम होता है, परंतु निर्दिष्ट क्षेत्र में यह सूर्यग्रहण की अपेक्षा अधिक बार दिखाई पड़ता है।

वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
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