चक्रवात का अंतरतम भाग। वहां वायु दाब निम्न होता है, वायु शांत रहती या बहुत धीमी गति से बहती है। इसके निर्माण का कारण यह है कि चक्रवात में अंतर्मुखी पवनें, बहुत तीव्र गति से केन्द्र के चारों और तो घूमती हैं परंतु केन्द्र पर अभिसरित नहीं हो पाती। यह क्रिया ठीक वैसी ही है जैसे कोई उपग्रह केन्द्र की ओर आकर्षित होते हुए भी केन्द्र के इर्द गिर्द वृत्ताकार पथ में घूमने को बाध्य होता है। इस प्रकार चक्रवात का केंद्र एक खोखले पाइप की भांति होता है जिसमें पवनएं प्रवेश नहीं कर पाती।
चक्रवात की आंख का व्यास आमतौर से 15 से 30 किमी. तक होता है।
चक्रवात की आंख का व्यास आमतौर से 15 से 30 किमी. तक होता है।
अन्य स्रोतों से
Eye of the storm in Hindi (तूफान-अक्षि)
हरीकेन अथवा अन्य प्रकार के उष्ण कटिबंधीय तूफानों का केंद्रीय क्षेत्र, जहां पर वायुमंडलीय दाब 96 मिलिवार होता है तथा वायु-वेग शून्य रहता है।